भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस समय अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान में सियासी ड्रामा मंगलवार को उस समय अपने चरम पर पहुंच गया, जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों का हुजूम सड़कों पर उतर आया और जमकर उत्पात किया.
लेकिन पाकिस्तान की सियासत में यह कोई पहला मौका नहीं है, जब देश के किसी पूर्व प्रधानमंत्री को इस तरह गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले भी पाकिस्तान में समय-समय पर पूर्व प्रधानमंत्रियों पर यह गाज गिरी है.
हुसैन शहीद सुहरावर्दी
पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के करीबियों में शामिल रहे हुसैन शहीद मुल्क के पांचवें प्रधानमंत्री थे. वह सितंबर 1956 से अक्टूबर 1957 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे. उन्होंने जनरल अयूब खान की सरकार का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उन्हें इलेक्टिव बॉडीज डिस्क्वालिफिकेशन ऑर्डर (Ebdo) के जरिए राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया गया. लेकिन बाद में जुलाई 1960 में कानून के उल्लंघन का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें गिरफ्तार कर बिना किसी ट्रायल के कराची की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया था.
जुल्फिकार अली भुट्टो
जुल्फिकार अली भुट्टो अगस्त 1973 से जुलाई 1977 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर रहे. उन्हें 1974 में एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में सिंतबर 1977 में गिरफ्तार किया गया था. बाद में लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस ख्वाजा मोहम्मद अहमद सामदानी ने उन्हें यह कहकर रिहा कर दिया कि उनकी गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है. लेकिन मार्शल लॉ रेगुलेशन 12 के तहत उन्हें तीन दिन बाद दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें 4 अप्रैल 1979 को फांसी की सजा दे दी गई.
बेनजीर भुट्टो
बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी. वह पहली बार दिसंबर 1988 से अगस्त 1990 तक और दोबारा अक्टूबर 1993 से नवंबर 1996 तक देश की वजीर-ए-आजम रहीं. वह अपने भाई के जनाजे में हिस्सा लेने के लिए अगस्त 1985 में पाकिस्तान आई थीं. लेकिन उन्हें 90 दिनों के लिए नजरबंद कर लिया गया था. उन्हें अगले साल 1986 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कराची में एक रैली में सरकार की आलोचना करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री को 1999 में भ्रष्टाचार के आरोप में पांच साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद वह सात साल निर्वासन में रहीं. लेकिन 2007 में वतन वापसी के बाद आत्मघाती हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी.
यूसुफ रजा गिलानी
यूसुफ रजा गिलानी 2008 में गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री थे. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में अरेस्ट वॉरंट जारी किया गया था. उन पर फर्जी कंपनियों के नाम पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगा था. 2012 में उन्हें पद से हटाना पड़ा था.
नवाज शरीफ
नवाज शरीफ को 1999 में कारगिल युद्ध के बाद सत्ता गंवानी पड़ी थी. वह तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने. परवेज मुशर्रफ सरकार के दौरान नवाज शरीफ दस सालों के लिए निर्वासन में जाने को मजबूर हुए. पाकिस्तान लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उनके निर्वासन की बाकी बची अवधि पूरी करने के लिए उन्हें सऊदी अरब भेज दिया गया.
शाहिद खाकान अब्बासी
शाहीद खाकान अब्बासी जनवरी 2017 से मई 2018 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे हैं. उन्हें जुलाई 2019 में एनएबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था. उनपर 2013 के एलएनजी के इम्पोर्ट कॉन्ट्रैक्ट में भ्रष्टाचार करने का आरोप था. जिस समय ये कॉन्ट्रैक्ट दिए गए थे, तब अब्बासी पेट्रोलियम मंत्री थे. उन्हें फरवरी 2020 में जमानत मिली थी.
इमरान खान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को नौ मई 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें एनएबी और पाक रेंजर्स ने अरेस्ट किया. उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उनकी गिरफ्तारी के बाद से उनके समर्थकों ने कई शहरों में प्रदर्शन किया. इस दौरान हिंसा की घटनाएं भी सामने आईं.