पाकिस्तान में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मुश्किलों से घिरे हुए हैं. पाकिस्तान की सरकार, सेना इमरान पर शिकंजा कस रही है वहीं उनकी ही पार्टी के नेता उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं. 9 मई को इमरान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने पूर्व पीएम इमरान खान पर जमकर हमला बोला है.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने इमरान खान को नरेंद्र मोदी से भी बड़ा दुश्मन बताया है. पाकिस्तान के एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने कहा कि आपके लिए विदेशी दुश्मन पहचाना हुआ है. पाकिस्तान में लोग अब भी उस दुश्मन को नहीं पहचान पा रहे हैं जिसने यहीं जन्म लिया और उस देश (भारत) से बड़ा खतरा है.
उन्होंने कहा कि इमरान खान पाकिस्तान के लिए नरेंद्र मोदी से कहीं अधिक खतरनाक हैं और नलोग इसे देख नहीं पा रहे हैं. वह हमारे बीच मौजूद हैं. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि कौन अधिक खतरनाक है? उन्होंने कहा कि एक जो हमारे ही बीच मौजूद है या एक जो हमारे सामने दूसरी तरफ खड़ा है?
Unbelievable. Defense Minister of Pakistan @KhawajaMAsif declared @ImranKhanPTI a bigger threat to the security of Pakistan than Indian Prime Minsiter @narendramodi. pic.twitter.com/XzEnlhYRc6
— Hamid Mir حامد میر (@HamidMirPAK) June 1, 2023
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों को बगावत बताया और कहा कि ये दुश्मन वास्तव में हमारी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है और 9 मई की घटना ने इसे साबित भी कर दिया है. 9 मई को हुई घटना बगावत थी.
गौरतलब है कि पीटीआई प्रमुख और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट केस में 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से पकड़ा गया था. सशस्त्र बलों की ओर से इमरान खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद पीटीआई के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए थे. इमरान खान के समर्थकों ने सेना के दफ्तर, सेना के शीर्ष कमांडर्स के आवास पर भी धावा बोल दिया था.
इमरान समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने के साथ ही कई वाहनों में तोड़फोड़ की थी. इमरान समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर आगजनी भी की थी. हालांकि, इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिहा कर दिया गया था. इस घटना के बाद सेना ने इमरान खान पर शिकंजा कसने के साथ ही उनके करीबियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी थी जिसके बाद इमरान खान की पार्टी से नेताओं का पलायन शुरू हो गया था.