पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कई मौकों पर अपने विवादित बयानों से देश की फजीहत करवाई है. ऐसा ही एक बयान उनकी तरफ से एक साल पहले पाकिस्तान के सदन में दिया गया था. इमरान खान ने आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को एक शहीद कहकर संबोधित कर दिया था. उस बयान को लेकर दुनिया में तो पाकिस्तान की किरकिरी हुई ही, देश के अंदर में इमरान के खिलाफ सुर बुलंद किए गए.
ओसामा को शहीद बताया था, मंत्री बोले- जबान फिसली
अब पाकिस्तान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने अपने प्रधानमंत्री के बयान पर सफाई पेश की है. उनकी तरफ से कहा गया है कि जबान फिसल गई थी. पाकिस्तानी चैनल को दिए इंटरव्यू में फवाद चौधरी ने कहा था, ''वह तो जबान फिसल गई थी. वे अपने बयान पर सफाई पेश कर चुके हैं.'' बता दें कि एक साल पहले इमरान खान ने सदन में कहा था कि मुझे नहीं लगता कि कोई भी ऐसा देश होगा जिसने आतंकवाद के खिलाफ जंग को मजबूत किया हो और उसे बदले में इतनी शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ी हो. पूरे पाकिस्तान के लिए वह शर्मसार कर देने वाली घटना थी, जब अमेरिका ने हमारे देश में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारा था, उसे शहीद किया था. उस घटना के बाद से ही पूरी दुनिया हमारे खिलाफ हो गई थी. हमारे ही एक साथी देश ने हमे धोखा दिया था, बिना बताए किसी को मार गिराया गया.
विदेश मंत्री ओसामा को आतंकी नहीं बोल पाए
अब उस एक साल पुराने बयान पर कई मौकों पर सफाई पेश की गई है. लेकिन ना वो विवाद ठंडा पड़ा है और ना ही विपक्ष का इमरान खान पर हमला. हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी एक टीवी इंटरव्यू दिया था. उस इंटरव्यू में जब इमरान खान के बयान के बारे में सवाल पूछा गया तो पहले तो वे जवाब देने से ही बचे और बाद में ओसामा बिन लादेन को आतंकवादी कहने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाए. उन्होंने कहा था, ''उस बयान को गलत तरीके से समझा गया. मीडिया के एक तबके ने उसे बढ़ा चढ़ाकर दिखा दिया था.'' वहीं जब पूछा गया अगर वे उस बयान का विरोध करते हैं, तो विदेश मंत्री ने सिर्फ इतना कहा कि मैं उसे जाने दूंगा.
एक मुद्दे ने पाकिस्तान की कर दी किरकिरी
शाह महमूज कुरैशी के बयान पर भी फवाद चौधरी से सफाई मांगी गई थी. अब अपने साथी मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए फवाद कह गए कि विदेश मंत्री तो सिर्फ ये कह रहे थे कि पुरानी बातों को भूल जाना चाहिए और भविष्य पर फोकस रखना चाहिए. अब पहले प्रधानमंत्री का ओसामा को शहीद बताना, फिर विदेश मंत्री का आतंकी कहने से मना करना और अब फवाद का यह सफाई देना कि जबान फिसल गई, एक मुद्दे ने पाकिस्तान को बुरा फंसा दिया है और चाहकर भी बचाव संभव नहीं दिख रहा.