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हरिद्वार में धर्म संसद को लेकर पाकिस्तानी पीएम इमरान खान यूं भड़के

इमरान खान ने हरिद्वार धर्म संसद को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने धर्म संसद पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मामले में दखल देने की अपील की है. इमरान खान ने मोदी को निशाना बनाते हुए कई ट्वीट किए हैं.

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पीएम मोदी पर भड़के इमरान खान (Photo-Reuters)
पीएम मोदी पर भड़के इमरान खान (Photo-Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हरिद्वार धर्म संसद को लेकर बोले इमरान खान
  • नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर उठाए सवाल
  • अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से की दखल की अपील

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को क्षेत्र की शांति के लिए वास्तविक खतरा बताया है. इमरान खान ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस क्षेत्र में 'शांति के लिए एक वास्तविक और वर्तमान खतरा' है.

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इमरान खान ने कहा है कि भारत में सभी अल्पसंख्यक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के संरक्षण में चल रहे चरमपंथी समूहों के निशाने पर हैं.  पाकिस्तानी पीएम का ये बयान हरिद्वार धर्म संसद के संदर्भ में आया है.

इमरान खान ने सोमवार को कई ट्वीट किए और नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने हरिद्वार में धर्म संसद पर पीएम मोदी की चुप्पी और देश में अल्पसंख्यकों के नरसंहार के आह्वान करने वाले हिंदूवादी समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया.

इमरान खान ने कहा कि भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ उकसावे के पीछे सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की चरमपंथी विचारधारा है. इमरान खान ने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'मोदी सरकार की चरमपंथी विचारधारा के तहत, भारत में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को हिंदुत्व समूहों द्वारा टार्गेट किया जा रहा है.'

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इमरान खान ने अपने ट्वीट में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस घटना के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की. उन्होंने लिखा, 'भारत में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से 20 करोड़ मुस्लिम समुदाय के नरसंहार के लिए दिसंबर में एक चरमपंथी हिंदुत्व सम्मेलन के आह्वान पर मोदी सरकार की निरंतर चुप्पी सवाल उठाती है कि क्या भाजपा सरकार इस आह्वान का समर्थन करती है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस पर ध्यान दे और कार्रवाई करे.'

पिछले महीने, हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया था. 17 से 19 दिसंबर के बीच आयोजित इस धर्म संसद में अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों को निशाने पर लिया गया था 

इस धर्म संसद का आयोजन हिंदुत्ववादी यति नरसिंहानंद ने किया था. सोशल मीडिया पर इस धर्म संसद से जुड़े कई वीडियो भी वायरल हुए थे, जिसमें लोग विवादित भाषण देते हुए दिखे थे. 

भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय और भाजपा महिला मोर्चा की नेता उदिता त्यागी ने भी इस संसद में भाग लिया था. हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि विवादित भाषणों से उनका कुछ लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा था, 'ये तीन दिवसीय कार्यक्रम था और मैं वहां एक दिन के लिए था. इस दौरान मैं लगभग 30 मिनट तक मंच पर रहा और संविधान के बारे में बात की. दूसरों ने पहले और बाद में क्या कहा... मैं इसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं.'

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इस मामले को लेकर कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. हालांकि कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है जिसे लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. 

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