scorecardresearch
 

पाकिस्तान का खजाना हो रहा खाली, अब लोगों के सोने पर इमरान सरकार की नजर

इमरान खान की सरकार महंगे कर्ज लेने के बाद भी अपना विदेशी मुद्रा भंडार संतुलित नहीं रख पा रही है. अब सरकार एक नया प्रस्ताव लेकर आई है जिसमें देश के नागरिकों से सोने के बिस्कुट और सोने के बार को उधार लिया जाएगा. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान इस सोने को विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करेगा.

Advertisement
X
विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए इमरान खान सरकार लोगों से सोना उधार लेगी (Photo- Reuters)
विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए इमरान खान सरकार लोगों से सोना उधार लेगी (Photo- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लगातार कम हो रहा पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार
  • महंगे कर्ज से भी पाकिस्तान को नहीं हुआ फायदा
  • अब लोगों के सोने से पाकिस्तान बढ़ाएगा अपना विदेशी मुद्रा भंडार

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार विदशों से कर्ज के बावजूद भी कम होता जा रहा है. पिछले तीन महीनों में पाकिस्तान ने विदेशों से 5 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज लिया है लेकिन फिर भी अपने विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित नहीं रख पाया है. अब विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए पाकिस्तान सरकार की निगाहें पाकिस्तानियों के सोने पर टिकी हुई है. पाकिस्तान सरकार अपने नागरिकों से सोने के बिस्कुट और सोने के बार उधार लेने पर विचार कर रही है.

Advertisement

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, आर्थिक कार्यकारी परिषद (EEC) में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई है.

पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्ताव के अनुसार, वाणिज्यिक बैंक सोने के मालिक को ब्याज दर का भुगतान करेंगे और उन्हें छूट भी दी जाएगी. ये वाणिज्यिक बैंक सोना मालिकों से सोना लेकर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास सोना जमा करेंगे. पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक सोने को विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए उसका मुद्राकरण कर सकता है. 

लगातार घट रहा पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार

पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए अत्यंत महंगी दरों पर पहले ही विदेशी कर्ज ले चुका है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के 31 दिसंबर, 2021 के रिजर्व पोजीशन स्टेटमेंट के अनुसार, केंद्रीय बैंक के पास पहले से ही 2.01 करोड़ डॉलर के सोने का भंडार है, जिसका मूल्य 3.8 अरब डॉलर है. एसबीपी के बयान के अनुसार, केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है और 11 फरवरी तक ये 17 अरब डॉलर तक गिर गया है.

Advertisement

पिछले तीन महीनों में, पाकिस्तान की सरकार इसे संभालने के लिए कई बार कर्ज ले चुकी है. सरकार ने सऊदी अरब से 3 अरब डॉलर का ऋण लिया था. पाकिस्तान ने लाहौर-इस्लामाबाद मोटरवे को 7 सालों के लिए गिरवी रखकर जनवरी में अब तक के सबसे महंगे दर पर कर्ज लिया था.

पाकिस्तान ने मोटरवे के बदले में रिकॉर्ड 7.95% की दर से एक अरब डॉलर का कर्ज लिया था. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से भी पाकिस्तान ने एक अरब डॉलर का कर्ज लिया था. पाकिस्तान अपने इस विदेशी मुद्रा भंडार को फिर भी स्थिर नहीं रख पाया. पाकिस्तान पर कई देशों का कर्ज है जिसे चुकाने में उसका विदेशी मुद्रा भंडार खाली होता जा रहा है. वहीं उसका निर्यात काफी कम है जबकि आयात काफी अधिक.

इमरान खान को एक प्रवासी ने दी थी ये सलाह

प्रधानमंत्री इमरान खान को नागरिकों से सोना उधार लेने का ये प्रस्ताव शुरू में एक प्रवासी ताहिर महमूद ने दिया था. इमरान खान ने तब मामले को ईईसी के पास भेज दिया. ईईसी ने इस प्रस्ताव को विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने और सोने जैसी निष्क्रिय संपत्ति के खिलाफ बाजार में अधिक नकदी लाने के लिए मंजूरी दे दी है.

पिछली ईईसी की बैठक में पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरिन ने कहा था कि सोना उधार लेने का उद्देश्य विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए सोने को विदेशी मुद्रा में बदलना है. वित्त मंत्री का मानना था है कि देश में निष्क्रिय पड़ा सोना अब उत्पादकता में बदल जाएगा. 

Advertisement

सोने के बिस्कुट और बार ही स्वीकार करेंगे बैंक 

सूत्रों का कहना है कि बैंक केवल सोने के बिस्कुट और बार ही स्वीकार करेंगे, सोने के गहनों को नहीं लिया जाएगा. ईईसी के साथ साझा किए गए कुछ अनुमानों के अनुसार, लोगों के पास लगभग 5,000 टन सोने की छड़ें और बिस्कुट हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, इसके कोई पुख्ता आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.

सूत्रों ने कहा कि लोग फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू को दाखिल टैक्स रिटर्न में अपने सोने की पूरी जानकारी नहीं देते हैं. ईईसी में इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई कि जो लोग अपने सोने के बिस्कुट और बार सरकार को देंगे, उन्हें माफी दी जाएगी.

योजना के विफल होने की भी आशंकाएं

ऐसी आशंकाएं हैं कि विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए सोना उधार लेने की ये योजना विफल भी हो सकती है. सोना मालिकों को सोना खरीदने के स्रोत का खुलासा करने के लिए कहा जा सकता है जिस कारण वो अपना सोना बैंको तक लाने में कतराएंगे.

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने पाकिस्तान मर्केंटाइल एक्सचेंज के साथ परामर्श के बाद इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया है और इसे ईईसी द्वारा तैयार की गई समिति को विचार के लिए भेजा है. प्रस्ताव के अनुसार, सोना देने वाले नागरिकों को धारक स्वर्ण प्रमाण पत्र दिया जाएगा. जिसपर वो ऋण ले सकते हैं. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement