पाकिस्तान सरकार द्वारा लाहौर शहर के बॉर्डर पर रोक लगाने और कंटेनर रखने के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार देर रात मीनार-ए-पाकिस्तान में एक बड़ी रैली की. इस रैली में भारी भीड़ देखी गई. पाकिस्तान की नवाज सरकार ने इस रैली के कवरेज को भी ब्लैक आउट कर दिया. इन दिनों इमरान खान की जान को खतरा बताया जा रहा है. ऐसे में पूर्व पीएम ने बुलेट प्रूफ शीशे से रैली को संबोधित किया. इस ऐतिहासिक रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी उमड़ीं.
इमरान खान की रैली को रोकने की हर कोशिश की गई. इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने मीनार-ए-पाकिस्तान की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों को कंटेनरों और बैरिकेड्स से बंद कर दिया. रैली स्थल पर विशेष रूप से लाहौर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. इन तमाम रुकावटों के बाद भी लोग लंबी दूरी पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे.
'कंटेनर लगाने से नहीं रुकेंगे लोग'
इस रैली में अपनी पार्टी के 2,000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने और प्रताड़ित करने के लिए शहबाज सरकार और वहां की सेना पर बरसते हुए, इमरान खान ने कहा, 'एक बात स्पष्ट है, जो भी सत्ता में है, उन्हें आज एक संदेश मिलेगा कि बाधाओं और कंटेनरों के जरिए लोगों के जुनून पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है.'
इमरान ने पाकिस्तान के लिए पेश किया आर्थिक रोडमैप
इस दौरान इमरान खान ने जनता के सामने एक रोडमैप भी पेश किया, जिससे कि पाकिस्तान को आर्थिक दलदल से बाहर निकाला जा सकेगा. साथ ही इमरान खान ने कहा कि मौजूदा सरकार के पास अगर कोई बेहतर एजेंडा है तो वह (इमरान) घर बैठने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, 'जिस तरह से आज पाकिस्तान में शक्तिशाली हलकों का व्यवहार हो रहा है, ऐसा लगता है कि इमरान खान देश की एकमात्र समस्या है.'
साथ ही इमरान खान ने जोर दिया कि देश को अपने कर संग्रह और निर्यात में सुधार के लिए कठिन फैसलों की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'हमारे घर (देश) को व्यवस्थित करने के लिए एक बड़ी सर्जरी की जरूरत है. प्रवासी पाकिस्तानी अपना डॉलर देश में लाएंगे, बशर्ते उन्हें प्रोत्साहन दिया जाए. प्रगति हासिल करने के लिए कर आधार (Tax Base) बढ़ाने की जरूरत है.' उन्होंने कहा देश में और ज्यादा युवाओं को व्यवसाय शुरू करने और बंधक योजना को पुनर्जीवित करने के लिए लोन देने की भी जरूरत है.
इमरान खान के खिलाफ 100 से ज्यादा मुकदमे
इमरान खान ने कहा कि पिछले साल अप्रैल में उनकी सरकार गिराने के बाद देश पर चोरों का गिरोह थोपा गया है. इस दौरान इमरान खान बोले कि 'वास्तविक स्वतंत्रता' तभी आएगी जब देश में कानून का शासन कायम रहेगा.अपने ऊपर 100 से ज्यादा केस झेल रहे इमरान खान बोले, 'मैंने कानूनी मामलों की एक सदी पूरी कर ली है. मैं 150 पार कर सकता हूं. गरीब अपना पूरा जीवन इस देश में झूठे मुकदमे लड़ने में बिता देता है. यदि कानून का शासन नहीं है तो पाकिस्तान का कोई भविष्य नहीं है.'
'दुनियाभर में भीख मांग रहे शहबाज'
70 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने दुनियाभर में भीख मांगने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की आलोचना की. प्रधानमंत्री शहबाज पर तंज कसते हुए खान ने कहा, 'पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि वह शहबाज को 40 मिनट तक डांटते थे और वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देते थे और धैर्य से सुनते थे. ऐसा तब होता है जब आप (शहबाज) पिछले दरवाजे से सत्ता में आते हैं.'
'क्या मैं आतंकवादी हूं?'
इस रैली के दौरान इमरान खान ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार वही महसूस किया जो फिलिस्तीन के लोग महसूस करते हैं. इमरान खान ने सवाल खड़े किए, 'पुलिस ने मेरे घर पर हमला किया क्योंकि वे मुझे झूठे मामलों में गिरफ्तार करना चाहती थीं. पुलिस के साथ झड़प के दौरान लोगों ने मेरा साथ दिया क्योंकि वे जानते थे कि मैं सही हूं. उन्होंने मुझ पर आतंकवाद के 40 मामले दर्ज किए हैं...क्या देश स्वीकार करेगा कि इमरान खान आतंकवादी हैं?'
चुनाव कब होंगे?
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने सुरक्षा और वित्तीय बाधाओं के बहाने पंजाब विधानसभा के 30 अप्रैल के चुनाव को 8 अक्टूबर के लिए टाल दिया. इस पर भी पूर्व पीएम ने सवाल खड़े किए कैसे गारंटी होगी कि चुनाव अक्टूबर में भी होंगे? सरकार और उसके संचालकों के पास केवल एक सूत्री एजेंडा है - मुझे सत्ता में लौटने से कैसे रोका जाए. उन्होंने कहा कि 90 दिनों में पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में चुनाव कराकर कानून का राज स्थापित करने के लिए सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर हैं.
तीन मामलों में मिली जमानत
इससे पहले शनिवार को, लाहौर एटीसी ने इमरान खान को लाहौर रेस कोर्स पुलिस स्टेशन में दायर तीन मामलों में 4 अप्रैल तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी - जिनमें से दो मामले 14 मार्च और 15 मार्च को पीटीआई प्रमुख के जमान पार्क आवास के बाहर पीटीआई समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़पों से जुड़े हुए थे.
बता दें कि इमरान खान इन दिनों तोशाखाना मामलों के लिए सवालों के कटघरे में हैं. आरोप है कि इमरान ने एक महंगी कलाई घड़ी भी ली हुई है, जिसे कि उन्होंने तोशाखाना नामक राज्य डिपॉजिटरी से रियायती मूल्य पर प्रीमियर के रूप में लिया था और उन्हें अपने लाभ के लिए बेच दिया. अविश्वास मत हारने के बाद इमरान खान को पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था.