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काफिले के साथ इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए इमरान खान, मिलेगी राहत या जाएंगे जेल? कोर्ट करेगी फैसला

तोशाखाना मामले में आज पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान इस्लमाबाद की कोर्ट में पेश होंगे. लाहौर से काफिले के साथ इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए इमरान के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी हैं. इससे पहले हाईकोर्ट ने उन्हें राहत मिली थी.

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काफिले के साथ इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए इमरान (फोटो- ट्विटर)
काफिले के साथ इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए इमरान (फोटो- ट्विटर)

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तोशाखाना मामले में पेशी के लिए जमन पार्क, लाहौर से इस्लामाबाद के लिए रवाना हो गए हैं. इमरान सड़क मार्ग से इस्लामाबाद जा रहे हैं और बड़ी संख्या में पीटीआई के कार्यकर्ता और लोग भी इस काफिले में नजर आ रहे हैं. इस्लामाबाद की जिला और सत्र अदालत आज इस मामले में सुनवाई करेगी. शुक्रवार को ही इमरान को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली थी जहां कोर्ट ने उनके गिरफ्तारी वारंट को सस्पेंड कर दिया था.

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इमरान का ट्वीट

आज इस्लमाबाद के लिए रवाना होने से पहले इमरान ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा, 'यह तस्वीर जीवन भर मेरे साथ रहेगी. आंसू गैस के गोलों की परवाह किए बिना, नाचते और सिर पर पानी डालते हुए जोश के साथ आजादी की मांग हो रही है. माशाअल्लाह, आखिरकार एक राष्ट्र जाग रहा है और आजादी की मांग कर रहा है.'    

हाईकोर्ट से मिली थी राहत

मुख्य आयुक्त कार्यालय इस्लामाबाद ने इमरान के खिलाफ जिला चुनाव आयुक्त द्वारा दायर मामले की सुनवाई के लिए जी-11 में कोर्ट नंबर 1 न्यायिक परिसर में व्यवस्था की है. पिछले गुरुवार को अदालत ने उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को खारिज करने से इंकार कर दिया था. हालांकि शुक्रवार को उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिली और गिरफ्तारी वारंट पर रोक लग गई. उनके वकील ख्वाजा हैरिस ने शुक्रवार को कोर्ट में दस्तावेज जमा कराते हुए आश्वस्त किया कि पीटीआई प्रमुख 18 मार्च को अदालत के समक्ष पेश होंगे.

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इससे पहले इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर चल रहे हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे को लेकर लाहौर हाई कोर्ट ने इमरान और उनके समर्थकों को आड़े हाथों लिया था. कोर्ट ने कहा है कि पुलिस और इमरान खान के 'उद्दंड' समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़पों ने पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान की छवि को धूमिल किया है. साथ ही कोर्ट ने इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को देश के राष्ट्रीय प्रतीक, मीनार-ए-पाकिस्तान के पास रैली करने से रोक दिया था.

क्या है तोशाखाना मामला

तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है. नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है.इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था, लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बाकायदा कानूनी अनुमति दी थी.  

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इमरान को हुआ था मुनाफा

पूर्व प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां सहित कई अन्य उपहार भी थे. इमरान ने एक बार कहा था कि ये उनके गिफ्ट हैं, जो उन्हें निजी तौर पर दिए गए हैं. इसलिए इन पर उनका अधिकार है. 

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