पाकिस्तान चुनावों में संभावित जीत का दावा करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुखिया और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने की वकालत की है.
इमरान खान ने भारतीय मीडिया द्वारा उनकी छवि एक खलनायक के तौर पर गढ़ने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि भारत को उनसे ज्यादा करीब से कोई नहीं जानता. क्योंकि उन्होने एक क्रिकेटर के तौर पर भारत को बेहद नजदीक से देखा है. इसलिए वे इस क्षेत्र में शांति की जरूरत को अच्छी तरह से समझते हैं.
बेरोजगारी और आर्थिक रूप से पिछड़ापन झेल रहे पाकिस्तान में महत्वाकांक्षी युवाओं की जरूरतों को साकार करने के लिहाज से इमरान ने खास जोर पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक रिश्तों पर दिया. इमरान खान ने कहा कि वह ऐसे पाकिस्तानी हैं जो व्यापार के महत्व को समझते हैं जिससे भारतीय उपमहाद्वीप की आर्थिक दशा सुधरेगी और यह भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए मुनाफे का सौदा होगा.
कश्मीर का मुद्दा जो दोनों देशों के लिए आजादी के बाद से ही एक भावनात्मक मुद्दा रहा है उसपर इमरान ने स्वयं अपने और पुराने नेताओं के आक्रामक रुख से बाहर निकलते हुए शांति और समझौते की वकालत की है.
भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे व्यापारिक रिश्ते स्थापित करने की हिमायत करते हुए इमरान खान ने कहा कि दोनों देश के बीच कश्मीर अहम मुद्दा है. उन्होंने कहा कश्मीर मे सेना द्वारा तथाकथित मानवाधिकार के उल्लंघन का परिणाम लाखों युवाओं को भुगतना पड़ा है. कश्मीर के मौजूदा हालात के लिए भारत और पाकिस्तान एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं.
इमरान ने कहा आरोप-प्रत्यारोप के दौर से बाहर निकलकर दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों को एक साथ टेबल पर बैठकर सभी मुद्दों को शांतिपूर्वक ढंग से हल करने की कोशिश करनी चाहिए. इमरान ने कहा यदि भारत एक कदम पाकिस्तान की तरफ बढ़ाएगा तो पाकिस्तान भारत की तरफ दो कदम बढ़कर बातचीत को आगे बढ़ाएगा.
कश्मीर को लेकर इमरान खान की छवि एक हार्डलाइनर के तौर पर रही है. लेकिन अपने कंधों पर आने वाली बड़ी जिम्मेदारी को देखते हुए इमरान ने अपना रुख नरम किया है. वे चाहते हैं कि ऐसे मुद्दे जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव पैदा करते हैं उन्हे पीछे छोड़कर व्यापारिक रिश्ते स्थापित हों. इसके पीछे की मंशा यह हो सकती है कि दोनों देशों का व्यापारिक तौर एक दूसरे पर निर्भर होना अच्छे संबंध स्थापित करने का पहला पायदान साबित होगा.