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पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार और इमरान खान के बीच बातचीत शुरू

हफ्ते भर से जारी विरोध प्रदर्शन, रैली, धमकी के बाद इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) आखिरकार नवाज शरीफ सरकार के नुमाइंदों से बातचीत के लिए तैयार हो गई है.

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पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान

हफ्ते भर से जारी विरोध प्रदर्शन, रैली, धमकी के बाद इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) आखिरकार नवाज शरीफ सरकार के नुमाइंदों से बातचीत के लिए तैयार हो गई है. बातचीत के जरिए 14 महीने पुरानी शरीफ सरकार के लिए पैदा हुई चुनौतियों का हल ढूंढ़ने की कोशिश होगी.

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दोनों पक्षों के बीच बातचीत के लिए मध्यस्थ बने लोगों में ज्यादातर प्रमुख मंत्री है. जिन्होंने पीटीआई के प्रतिनिधियों से इस्लामाबाद के मैरिएट होटल में गुरुवार की आधी रात तक बातचीत की. अगली सुबह बातचीत आगे बढ़ाने से पहले सरकार पीटीआई के छह सूत्रीय एजेंडे पर गौर करेगी. गुरुवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को संबोधित कर सकते हैं.

इमरान खान की पार्टी पीटीआई प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भाई पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ का इस्तीफा मांग रही है. इसके अलावा अतंरिम सरकार का गठन, ताजा चुनावों से पहले चुनाव सुधार, सभी विधानसभाओं के लिए दोबारा चुनाव, 2013 के चुनावों में धांधली करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने और सरकारी खर्चों की ऑडिट की मांग कर रही है.

बातचीत से पहले अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, 'मोलभाव करने से पहले नवाज शरीफ को इस्तीफा देना होगा और इसके लिए कोई मेरा साथ दें या ना दें मैं अकेले ही प्रदर्शन करूंगा.'

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इमरान खान ने कहा, 'अगर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शाम तक इस्तीफा नहीं दिया, तो मुझे लगता है आपको (समर्थकों) को प्रधानमंत्री के घर ले जाना चाहिए. लेकिन उनकी हालत बहुत है. अगर मैं अपने समर्थकों से उस दिशा में चलने को कहूं तो शरीफ को दिल का दौरा भी पड़ सकता है. लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा.'

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने इस राजनीतिक संकट का हल ढूंढ़ने के लिए बातचीत की बात की, तब जाकर खान पटरी पर लौटे. सेना पहले से ही रेड जोन में व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाले हुए है. सेना के प्रवक्ता जनरल असीम बाजवा ने ट्वीट कर कहा, 'राष्ट्र और जनता के हित में ये मसला सुलझाया जाना चाहिए.'

बुधवार की शाम प्रधानमंत्री शरीफ ने ताहिर उल कादरी के साथ बातचीत शुरू की थी. बातचीत के बाद कादरी ने कहा, 'हम अपनी मांगों पर समझौता नहीं करेंगे, लेकिन मैं बातचीत के लिए तैयार हूं.'

कादरी और इमरान का दावा है कि 2013 में हुए चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी, जिसकी वजह से नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन को जीत मिली.

उधर, अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने इन चुनावों को स्वतंत्र और विश्वसनीय बताया था.

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