पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के 45 सांसदों ने सोमवार को सामूहिक रूप से पार्टी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आदेश पर नेशनल असेंबली से अपना इस्तीफा वापस ले लिया. दरअसल इमरान खान की पार्टी के करीब 123 सांसदों ने पिछले साल अप्रैल में अविश्वास मत के जरिए सत्ता से हटाए जाने के तुरंत बाद पद छोड़ने का फैसला किया था. हालांकि, स्पीकर राजा परवेज अशरफ ने पिछली जुलाई में उनमें से सिर्फ 11 इस्तीफे ही स्वीकार किए थे और कहा था कि अन्य सांसदों को सत्यापन के लिए व्यक्तिगत रूप से बुलाया जाएगा.
लेकिन स्पीकर ने पिछले सप्ताह एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए 69 और इस्तीफे स्वीकार कर लिए. इसके बाद इमरान खान की पार्टी को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसके तुरंत बाद इमरान खान ने अपनी पार्टी के सांसदों को अपना इस्तीफा वापस लेने का आदेश दिया ताकि सरकार को PTI को संसद में मुख्य विपक्षी दल बनने देने के लिए मजबूर किया जा सके.
पार्टी के नेताओं ने दी सफाई
वरिष्ठ नेता असद उमर ने कहा कि सांसदों ने स्पीकर अशरफ को ईमेल भेजकर इस फैसले की जानकारी दी. उमर ने ट्वीट किया, कि हमारा अगला कदम विपक्ष के नेता का नामांकन होगा. सदन में विपक्षी नेता एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी होता है क्योंकि चुनावों की देखरेख के लिए नियुक्त कार्यवाहक प्रधानमंत्री को विपक्षी नेता के परामर्श के बाद नामित किया जाता है.
विपक्ष के नेता का पद चाहती है PTI
साथ ही पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि उन्होंने इस्तीफा वापस लेने का फैसला इसलिए लिया, क्योंकि पार्टी विपक्ष के नेता और संसदीय दल के नेता का पद वापस ले सके. पीटीआई की गैर मौजूदगी में विपक्ष के नेता का पद इमरान खान की पार्टी के उन असंतुष्ट सांसदों को आवंटित किया गया जिन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. इसके अलावा पीटीआई सांसदों ने स्पीकर के घर के बाहर धरना दिया ताकि उन्हें उनके अनुरोधों को तुरंत स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा सके.
पार्टी के सांसदों ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) के अधिकारियों से भी मुलाकात की और अनुरोध किया कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष उनके इस्तीफे को मंजूरी दे देते हैं तो उन्हें अधिसूचित नहीं किया जाना चाहिए. पीटीआई ने निर्वाचन निकाय को सूचित करने के बाद अनुरोध किया कि उनके सांसद अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं और स्पीकर को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है.
क्यों वापस ले रहे इस्तीफे?
आपको बता दें कि अब तक कुल 80 पीटीआई सांसदों के इस्तीफे स्वीकार किए जा चुके हैं. लेकिन यह अभी भी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. इस्तीफे वापस लेने का यह कदम चुनाव से पहले कार्यवाहक सरकार की नियुक्ति में भूमिका निभाने में मदद कर सकता है. इमरान खान की पार्टी ने पहले ही पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा की प्रांतीय विधानसभाओं को भंग कर दिया है ताकि संघीय सरकार पर जल्द चुनाव कराने का दबाव बनाया जा सके.
अभी तक सरकार ने यह कहते हुए मध्यावधि चुनाव की घोषणा करने से इनकार कर दिया है कि भंग की गई विधानसभाओं के लिए चुनाव अनिवार्य रूप से 90 दिनों के भीतर और संघीय संसद के मौजूदा कार्यकाल की समाप्ति के 60 दिनों के बाद अगस्त के मध्य में होंगे.