पाकिस्तान सऊदी अरब, UAE, चीन आदि देशों और IMF (International Monetary Fund) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से मिले कर्ज से देश चला रहा है लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी तारीफें करते नहीं थक रहे. इमरान खान ने कहा है कि कोरोना महामारी को पाकिस्तान ने भारत के मुकाबले बेहतर तरीके से संभाला है. उन्होंने कहा है कि महामारी के दौरान भारत की ग्रोथ रेट नीचे चली गई लेकिन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था महामारी के दौरान मजबूत बनी रही.
इमरान खान ने ये बातें मंगलवार को रावलपिंडी चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (RCCI) की तरफ से आयोजित 14वें इंटरनेशनल समिट के उद्घाटन समारोह में कही.
इमरान खान ने कहा, 'कोविड से जिस तरह पाकिस्तान निकला है...अल्लाह ने हमें जिस तरह उससे निकाला, पूरी दुनिया में लोग उसकी तारीफ करते हैं. अपनी अर्थव्यवस्था भी हमने बचा ली, अपने लोगों की जानें भी बचा ली. दुनिया में देख लें कि क्या तबाही मचाई है कोविड ने.'
भारत का जिक्र करते हुए इमरान खान ने आगे कहा, 'हमसे कितनी ज्यादा हिंदुस्तान की ग्रोथ रेट थी...लेकिन उनकी ग्रोथ रेट माइनस में चली गई. उनके लोग हमारे से पता नहीं....(कितने मरे). कोई कहता है कि 10 लाख मरे, कोई कहता है 30 लाख मरे. हमारे यहां देखिए अल्लाह ने कितना करम किया.'
इमरान खान ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान में लॉकडाउन लगाने को लेकर बहुत दबाव डाला गया लेकिन उन्होंने इसके उलट फैसला लिया जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ. इमरान खान ने दावा किया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन उनके लिए फैसलों का अनुसरण कर रहे हैं.
इमरान खान ने पाकिस्तान और भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों की तुलना भी की. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में अभी भी सब सस्ता है. हमारे पेट्रोल और डीजल की कीमतें देखें...और तुलना करे हिंदुस्तान से तो सबसे सस्ते मुल्क हैं हम.'
इमरान खान ने इस दौरान ये भी कहा कि सऊदी अरब, चीन और UAE ने कर्ज देकर पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाया है. इमरान खान ने ये भी कहा कि अगर पाकिस्तान का निर्यात नहीं बढ़ा तो एक बार फिर आईएमएफ के पास जाना पड़ेगा.
IMF के कर्ज के भरोसे पाकिस्तान
इमरान खान भले ही अपनी अर्थव्यवस्था की तारीफों के पुल बांध रहे हों, लेकिन उनका देश एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. पाकिस्तान को पिछले पांच महीनों में लगभग 4.6 अरब डॉलर का कर्ज लेना पड़ा है. पाकिस्तान खुद को दिवालिया होने से बचाने के लिए IMF से कर्ज ले रहा है.
आईएमएफ से कर्ज लेने के लिए पाकिस्तान को आर्थिक सुधारों से जुड़ीं कई कड़ी शर्तों को मानना पड़ा है. इसी को लेकर पाकिस्तान की सरकार संसद में दो बिल भी लेकर आई है. एक बिल है- फाइनेंस सप्लीमेंट्री बिल जिसके तहत पाकिस्तान 144 वस्तुओं पर 17 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाएगा.
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान संशोधन बिल भी संसद में पास कराना चाहती है लेकिन विपक्ष इस बिल पर सबसे ज्यादा हंगामा किए है. विपक्ष का कहना है कि ये बिल अगर पास हुआ तो स्टेट बैंक का कंट्रोल IMF के हाथों में चला जाएगा और पाकिस्तान उसका एक उपनिवेश बनकर रह जाएगा.
इस बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं जिन्हें लेकर पाकिस्तान के अर्थशास्त्री भी चिंता जता रहे हैं. उनका कहना है कि बिल अगर पास हुआ तो पाकिस्तान में महंगाई और बढ़ेगी.