पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश में पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर शहबाज शरीफ की सरकार पर लगातार तीखे हमले कर रहे हैं. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतों में फिर से 30 रुपये की बढ़ोतरी की गई है जिससे एक लीटर पेट्रोल की कीमत 209 रुपये हो गई है. इमरान खान ने इसे लेकर गुरुवार को कहा है कि देश के नेता रूस से सस्ता तेल खरीदना नहीं चाहते क्योंकि वो अमेरिका से डरते हैं.
पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को अमेरिका का गुलाम बताते हुए इमरान खान ने भारत की तारीफ की है और कहा है कि जहां एक तरफ पाकिस्तान पेट्रोल की कीमतों में 30-30 रुपये की बढ़ोतरी कर रहा है, भारत ने तेल की कीमतों में 25 रुपये की कमी की है. ये एक गुलाम और आजाद देश के बीच के अंतर को दिखाता है.
पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खैबरपख्तूख्वा के बेशम में एक रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार रूस से सस्ता तेल खरीदना चाहती थी लेकिन मौजूदा "आयातित सरकार" रूसी तेल खरीदने के प्रति अनिच्छा रखती है क्योंकि गुलाम नेताओं को अमेरिका का डर है.
इमरान खान ने की भारत की तारीफ
इमरान खान ने कहा, 'ये लोग अमेरिका के गुलाम हैं. मैं देश की असली आजादी के लिए मुहिम चला रहा हूं. देश को तैयार रहना चाहिए.'
इमरान खान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सरकार तेल की कीमतों में आए दिन बढ़ोतरी कर रही है लेकिन भारत सरकार ने हाल ही में तेल की कीमतों में 25 रुपये की कमी की है. वो आगे बोले, 'ये गुलाम और आजाद देश के निर्णय लेने की क्षमता में अंतर को दिखाता है.'
इमरान खान पाकिस्तान की हालिया सरकार को अमेरिका की मदद से बनी सरकार बताते रहे हैं. कुछ समय पहले जब उनकी सरकार के खिलाफ पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाया था कि वो उनकी सरकार को गिराना चाहता है. अपनी सरकार गिरने के पीछे वो अमेरिकी साजिश बताते हैं.
'अमेरिका से डरता है शरीफ परिवार'
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इमरान खान ने रैली के दौरान कहा, 'शरीफ परिवार का सारा पैसा विदेशों में जमा है, इसलिए वे अमेरिका से डरते हैं. जो लोग जनता के विरोधी हैं, वे ही अमेरिका की गुलामी की नीतियां बनाएंगे. हमें इस सरकार पर भरोसा नहीं है और न ही देश को भरोसा है.'
इमरान खान ने इस रैली के बाद ट्विटर पर कई ट्वीट किए जिसमें उन्होंने लोगों से अपील कि जुम्मे की नमाज के बाद लोग महंगाई, तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी को लेकर विदेशी मदद से बनी सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें.
उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि जिन लोगों ने उनकी पीटीआई की सरकार के खिलाफ साजिश रची, उनके पास अर्थव्यवस्था को सुधारने की कोई योजना नहीं है बल्कि वो बस अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को खत्म करने के लिए सत्ता में हैं.