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प्रदर्शन पर अड़े इमरान खान, रेड जोन की सुरक्षा सेना के हवाले

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर धरना दे रहे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान इस्लामाबाद के रेड जोन यानी निषिद्ध क्षेत्र की तरफ मार्च करने की घोषणा को देखते हुए सरकार ने मंगलवार को रेड जोन की सुरक्षा सेना को सौंप दी.

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इमरान खान (फाइल फोटो)
इमरान खान (फाइल फोटो)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर धरना दे रहे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान इस्लामाबाद के रेड जोन यानी निषिद्ध क्षेत्र की तरफ मार्च करने की घोषणा को देखते हुए सरकार ने मंगलवार को रेड जोन की सुरक्षा सेना को सौंप दी.

इमरान खान ने कहा है कि नवाज शरीफ के इस्तीफे को लेकर धरना प्रदर्शन बुधवार रात आठ बजे तक जारी रहेगा. अगर इस बीच प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस्तीफा नहीं दिया तो हम पीएम आवास की तरफ कूच करेंगे. पाकिस्तान सरकार ने उन अफवाहों को भी गलत ठहराया जिसमें कहा जा रहा है कि शरीफ विरोधी प्रदर्शन के पीछे सेना का हाथ है.

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गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने मंगलवार को घोषणा की कि सेना को संघीय राजधानी के संवेदनशील रेड जोन की सुरक्षा का भार सौंप दिया गया है. उन्होंने शरीफ विरोधी प्रदर्शनों में सेना का हाथ होने संबंधी अफवाहों का खंडन भी किया. रेड जोन में पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय, संसद भवन, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के कार्यालय मौजूद हैं.

डॉन आनलाइन के अनुसार, इमरान की पीटीआई और पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) ने संघीय राजधानी के कांस्टीट्यूशन एवेन्यू की तरफ मार्च करने की धमकी दी है जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है. मंत्री ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 131 और 245 के तहत आंतरिक सुरक्षा का मसला पैदा होने पर सेना को तैनात करने की अनुमति दी गई है.'

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, 'हमने किसी राजनीतिक दल के खिलाफ सेना को नहीं बुलाया है. यह रेड जोन की सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम है. रेड जोन की सुरक्षा हमारी अंतर्राष्ट्रीय जवाबदेही है जिसे हमें पूरा करना है. सेना संवैधानिक तौर पर आंतरिक सुरक्षा की जवाबदेही का निर्वाह करेगी.'

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इससे पहले पीटीआई प्रमुख इमरान ने सोमवार रात एक रैली में कहा, 'दुनिया पाकिस्तानी जनता की ताकत देखेगी.' उन्होंने कहा कि मार्च किसी भी कीमत पर होगा और सभी सुरक्षा घेरे तोड़ते हुए आगे बढ़ेगा.

गौरतलब है कि सरकार ने इमरान और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) प्रमुख ताहिर-उल-कादरी को बातचीत का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इन दोनों ही नेताओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इमरान के नेतृत्व में सरकार विरोधी मार्च गुरुवार को लाहौर से शुरू हुआ और करीब 36 घंटे बाद मार्च में शामिल लोग इस्लामाबाद पहुंचे. पीटीआई नेता नवाज के इस्तीफे और फिर से संसदीय चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं.

धार्मिक सरकार विरोधी मौलाना कादरी ने भी नवाज के खिलाफ इस्लामाबद में रैलियां की हैं. गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने मंगलवार को उन अनुमानों को भी गलत ठहराया जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन के पीछे सेना का हाथ है. डॉन आनलाइन के मुताबिक, गृह मंत्री ने कहा, 'मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहूंगा कि पाकिस्तान सेना का इस खेल में कोई हाथ नहीं है.' सशस्त्र बलों और कानून पालन कराने वाली एजेंसियों के साथ एक घंटे तक चली बैठक के बाद मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संघीय राजधानी की सुरक्षा को त्रिस्तरीय बनाने का फैसला लिया गया है.

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