पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान गुरुवार को चीन की चार दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं. इमरान खान राजधानी बीजिंग में आयोजित शीतकालीन ओलंपिक 2022 (Beijing Winter Olympics 2022) के उद्घाटन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा पर जा रहे हैं. इस बीच चीन के विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने वाले पाकिस्तानी छात्र इमरान खान से सवाल कर रहे हैं कि उन्हें चीन जाने की अनुमति कब मिलेगी.
कोविड-19 महामारी के शुरू होने के बाद पाकिस्तानी छात्रों को चीन छोड़ना पड़ा था और तब से उनकी पढ़ाई बंद है या ऑनलाइन चल रही है. हालांकि अधिकतर छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से खुश नहीं हैं. चीन ने पाकिस्तान पर कोविड को देखते हुए यात्रा प्रतिबंध लगाया है.
इमरान खान सरकार छात्रों को लगातार आश्वासन दे रही है कि वो चीन के साथ इस मसले पर बातचीत कर रही है. लेकिन छात्रों के चीन जाने को लेकर कोई बात नहीं बन पाई है.
चीन ने रोक दी है पाकिस्तानी छात्रों की स्कॉलरशिप
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो साल पहले कोविड-19 शुरू होने के बाद चीन से घर लौटे हजारों पाकिस्तानी छात्र अपनी पढ़ाई फिर से शुरू नहीं कर पाए हैं. बैचलर्स, मास्टर्स और पीएचडी में एडमिशन लेने वाले विदेशी पाकिस्तानी छात्रों का कहना है कि चीनी अधिकारियों ने उनकी स्टाइपेंड और स्कॉलरशिप रोक दी है.
पाकिस्तानी छात्र चीन में अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने के लिए बेताब हैं और वे अपनी वापसी के लिए एक निश्चित समय सीमा की मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया है.
पिछले महीने, एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें जब एक व्यक्ति ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से चीन के ट्रैवल बैन के बारे में पूछा तो वो भड़क गए और कथित तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना करते हुए दिखे थे.
चीन की ‘Zero-Covid Policy’ का खामियाजा भुगत रहे छात्र
चीन ने कोविड को लेकर ‘Zero-Covid Policy’ अपनाई है और इसी कारण उसने पाकिस्तानियों सहित सभी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को घर वापस भेज दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, हालात जब थोड़े सामान्य हुए तब चीन ने कुछ देशों से यात्रा प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन पाकिस्तान कथित तौर पर सूची में नहीं था.
महामारी की शुरुआत और 2020 में वुहान में लॉकडाउन लगने के बाद से चीन में कोई विदेशी नेता नहीं आया है और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी करीब दो साल से चीन से बाहर यात्रा नहीं की है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान महामारी की शुरुआत के बाद चीन का दौरा करने वाले पहले विदेशी नेताओं में से एक होंगे.
ट्विटर पर क्या बोले पाकिस्तानी छात्र?
अपनी आवाज को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए पाकिस्तान छात्र ट्विटर का सहारा ले रहे हैं. ट्विटर पर कई हैशटैग के माध्यम से वो अपने भविष्य की चिंता बता रहे हैं. #PMSavePakStudentsOfChina, #TakeUsBackToChina और #TakeUsBackToSchool आदि हैशटैग पाकिस्तान में ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं. छात्र इमरान खान से अपील कर रहे हैं कि वो अपनी चीन यात्रा के दौरान चीनी विश्वविद्यालयों में पाकिस्तानी छात्रों की वापसी के बारे में बात करें.
टेक अस बैक नाम के एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, 'डियर चीन, अब तो दो साल हो गए हैं. कई पीएचडी के छात्रों को अपनी डिग्री गंवानी पड़ी और हमारे साथ भी अब ऐसा ही हो सकता है. हमारा भविष्य बर्बाद कर दिया गया है. अब चीन हमसे क्या चाहता है? हमने अपनी पढ़ाई के लिए चीन को चुना क्योंकि ये अच्छा देश है लेकिन दुर्भाग्य से चीन की ये छवि बुरी तरह खराब हो गई है.'
असद नाम के एक यूजर ने लिखा, 'एक आदमी ऑनलाइन पढ़ाई कर इंजिनियर कैसे बन सकता है? केवल चीन ही ऑनलाइन डॉक्टर और इंजिनियर पैदा कर सकता है. वे हमारी परवाह नहीं करते क्योंकि हम चीन के नहीं हैं. हम बस शो के लिए है.'
जावेद खटक नाम के एक यूजर ने इमरान खान को संबोधित अपने ट्वीट में लिखा, 'आदरणीय प्रधानमंत्री, आपसे अनुरोध है कि हमारे भविष्य को बचा लीजिए. हम दो सालों से फंसे हुए हैं. हम लाचार हैं और चीन नहीं जा पा रहे हैं.'