अमेरिका ने 2010 में अपनी खुफिया एजेंसी NSA को बीजेपी की जासूसी करने का अधिकार दिया था. यह चौंकाने वाला खुलासा किया है एनएसए के पूर्व कॉन्ट्रैक्टर और अब 'व्हिसलब्लोअर' बन चुके एडवर्ड स्नोडेन ने. जाहिर है भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के स्तर पर यह बड़ा खुलासा है. खास तौर से ऐसे समय में जब बीजेपी केंद्र की सत्ता पर काबिज है. खुलासे के मुताबिक, अमेरिका ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड की भी जासूसी करवाई.
2010 में दी गई मंजूरी
अमेरिका में दूसरे देशों की छह राजनीतिक पार्टियों की लिस्ट बनाई गई है. इस लिस्ट में लेबनान का अमल और वेनेजुएला का बोलिवैरियन कॉन्टिनेंटल कोऑर्डिनेटर भी शामिल हैं. इन पार्टियों पर नजर रखने के लिए अमेरिका ने एनएसए को आधिकारिक अनुमति दी गई. बीजेपी भी इनमें शामिल है.
सोमवार को स्नोडेन की ओर से सार्वजनिक की गई जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के विवादास्पद फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विलांस एक्ट (एफआईएसएस) के तहत 2010 में एनएसए को जासूसी का अधिकार दिया गया. बताया गया है कि एनएसए को जो लिस्ट सौंपी गई है, उसमें न केवल छह राजनीतिक पार्टियों, बल्कि भारत सहित 193 देशों की सरकारों का भी नाम है. इसमें भारत भी शामिल है.
स्नोडेन ने अखबार को दिए दस्तावेज
गौरतलब है कि अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) ने इन राजनीतिक दलों और संगठनों की जासूसी करने की इजाजत मांगी थी. इससे जुड़ा दस्तावेज सोमवार को अमेरिकी अखबार 'द वॉशिंगटन पोस्ट' ने सार्वजनिक कर दिया. अखबार को ये दस्तावेज स्नोडेन ने ही मुहैया कराए हैं. इसमें लिखा है, 'विदेशी खुफिया जानकारी जुटाने के लिए एनएसए इन संस्थाओं की जासूसी करवा सकती है.'
गौरतलब है कि एनएसए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन अमेरिका के जासूसी और निगरानी कार्यक्रम का भंडाफोड़ करने के लिए जाने जाते हैं.