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दुनिया को दिखाने के लिए आतंकियों को पहले भी हिरासत में लेता रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तान सरकार ने देश में प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े 44 लोगों को हिरासत में ले लिया है. इस्लामाबाद इससे पहले भी दुनिया को दिखाने के लिए इस तरह की कार्रवाई करता रहा है.

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सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो-रॉयटर्स)
सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो-रॉयटर्स)

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पाकिस्तान में मंगलवार को जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के भाई समेत देश में अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े 44 लोगों को हिरासत में ले लिया गया. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई 4 मार्च को नेशनल ऐक्शन प्लान पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में हुए फैसले के आधार पर की है. लेकिन पुराने घटनाक्रमों पर नजर डालें तो पाकिस्तान वैश्विक दबाव में दुनिया को दिखाने के लिए इस तरह की कार्रवाई पहले भी करता रहा है.

पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के राज्य मंत्री शहरयार अफरीदी ने बताया कि 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में नेशनल ऐक्शन प्लान पर उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें सभी प्रांतों की सरकारों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस बैठक में प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने का फैसला हुआ. जिसके तहत मौलाना मसूद अजहर का भाई हमाद अजहर और साला मुफ्ती रऊफ असगर समेत प्रतिबंधित संगठनों के 44 सदस्यों को हिरासत में लिया गया है.

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दरअसल पाकिस्तान की सरकार पर दुनिया भर में आतंकी फंडिंग पर निगरानी करने वाले संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अगली समीक्षा बैठक में आतंक के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत करने का दबाव है. इससे पहले सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन समेत अन्य प्रतिबंधित संगठनों की संपत्तियां सीज करने का आदेश जारी किया था.

हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है जब पाकिस्तान ने वैश्विक दबाव में इस तरह की कार्रवाई की हो. इससे पहले 2001 में संसद पर हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद पर बैन लगाया था. इसके बावजूद जैश का मुखिया खुलेआम पाकिस्तान में भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहा.

यही नहीं मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को सील किया था लेकिन वे महीने भर के भीतर ही दोबारा खुल गए. जबकि लश्कर के मुखिया हाफिज सईद को 26/11 हमले के बाद अब तक तीन बार नजरबंद किया जा जुका है. फिर भी हाफिज सईद का भारत के खिलाफ जंग का ऐलान करना और जेहाद के लिए लोगों को भड़काना कम नहीं हुआ.

यही नहीं  जनवरी 2016 को पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद भी पाकिस्तान ने मसूद अजहर, उसके भाई और अन्य आतंकियों को हिरासत में लिया था. लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली थी.

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मुफ्ती रऊफ असगर वही शख्स है जिसने 5 फरवरी को कराची में रैली कर भारत पर फिदायीन हमला करने की धमकी दी थी. पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान सरकार को जैश से संबंधित जो डोजियर सौंपे हैं उसमें 5 फरवरी को पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में हुई जैश की रैलियों का जिक्र है. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कसूरी एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वीकार कर चुके हैं कि जैश का मुखिया मसूद अजहर इस समय पाकिस्तान में है जहां उसका इलाज चल रहा है.

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