अमेरिका यूक्रेन को 31 एम1 अबराम युद्धक टैंक भेजेगा. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को इसकी घोषणा की. उधर, जर्मनी द्वारा 14 ‘लेपर्ड 2 ए 6’ टैंक भेजने पर सहमत होने के बाद अमेरिका का यह फैसला सामने आया है. हालांकि, जर्मनी ने कहा था कि वह लेपर्ड टैंक को तब तक नहीं भेजेगा, जब तक अमेरिका अपने अबराम टैंक को यूक्रेनी बलों को उपलब्ध कराने के संबंध में कोई फैसला नहीं लेता.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, बाइडेन ने कहा कि कुल यूरोपीय सहयोगी दो यूक्रेनी टैंक बटालियन, या कुल 62 टैंकों को लैस करने के लिए पर्याप्त टैंक भेजने पर सहमत हुए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, यूक्रेनी सेना अपने कब्जे वाले क्षेत्र की रक्षा के लिए काम कर रही है और रूस को जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
गतिरोध समाप्त करने में मिलेगी मदद
इस घोषणा से जर्मनी और अमेरिका के बीच गतिरोध समाप्त करने में मदद मिलेगी. बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को दोनों देशों के बीच गतिरोध को कम करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन को युद्ध के मैदान में इन टैंकों को प्रभावी ढंग से बनाए रखने के लिए आवश्यक पुर्जे और उपकरण भी दे रहे हैं.
यूक्रेन इसलिए भी टैंक मांग रहा है, क्योंकि रूस शुरू से ही आक्रामक तरीके से हमला कर रहा है. इसका एहसास रूस ने पहले ही करा दिया है.
रूस-यूक्रेन जंग और ज्यादा खतरनाक मोड़ पर पहुंच सकती है
पिछले करीब 1 साल से जारी रूस-यूक्रेन जंग और ज्यादा खतरनाक मोड़ पर पहुंच सकती है. रूस के विरोध के बावजूद जर्मनी के साथ-साथ अमेरिका भी यूक्रेन को अपने आधुनिक टैंक देने के लिए तैयार हो गया है. दरअसल, यूक्रेन लंबे समय से जर्मनी से उसके लेटेस्ट लेपर्ड-2 टैंक (Leopard 2 tanks) की मांग कर रहा था.
दरअसल, यूक्रेन लंबे समय से चाहता था कि उसे अत्याधुनिक टैंक मिलें, ताकि वो रूसी सेना का मुकाबला कर सके और अपने इलाकों को फिर से कब्जे में ले सके. मेड इन जर्मनी लेपर्ड-2 टैंक के साथ ही अमेरिका का अबराम एम-1 टैंक बेहद अत्याधुनिक टैंक माना जाता है.