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सऊदी अरब में शिया धर्मगुरु समेत 47 लोगों को फांसी देने पर भड़का ईरान, कहा अंजाम भुगतना होगा

सऊदी अरब में शिया धर्मगुरु निमर अल-निमर सहित 47 लोगों को आतंकवाद के आरोपों में फांसी पर लटकाया गया. शिया नेता निमर 2011 के अरब क्रांति से प्रभावित होकर राज्य में प्रदर्शन करने वाले मुख्य व्यक्ति था.

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फांसी पर लटाकाए गए लोगों में अधिकांश सऊदी नागरिक
फांसी पर लटाकाए गए लोगों में अधिकांश सऊदी नागरिक

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सऊदी अरब में शिया नेता निम्र अल निम्र को मौत की सज़ा दिए जाने पर ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. ईरान शिया बहुल देश है और उसे सुन्नी बहुल सऊदी अरब का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है. ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सऊदी अरब को इसकी कीमत चुकानी होगी.

प्रभावशाली शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद खातमी ने इसे ऐसा 'अपराध' करार दिया, जिससे सऊदी अरब के शाही परिवार का खात्मा हो जाएगा. दूसरी ओर, ख़बर है कि शिया नेता को मौत की सज़ा देने के ख़िलाफ़ बहरीन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. लेबनान की शिया परिषद ने निम्र को मौत की सज़ा देने की निंदा करते हुए इसे बहुत बड़ी ग़लती कहा है.

गौरतललब है कि सऊदी अरब में प्रमुख शिया धर्मगुरु निमर अल-निमर सहित 47 लोगों को आतंकवाद के आरोपों में फांसी पर चढ़ा दिया गया. सऊदी अरब मंत्रालय ने कहा कि फांसी पर लटाकाए गए लोगों में अधिकांश सऊदी नागरिक हैं और वे 2003-06 के बीच अल कायदा द्वारा किए गए सिलसिलेवार हमलों में शामिल थे.

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मौलवी निमर अल-निमर 2011 में भड़के सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार था. शिया निमर को अक्टूबर, 2014 में मौत की सजा सुनाई गई थी.

मंत्रालय ने कहा कि देश और जनता के प्रति किसी भी तरह के हमले के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. सऊदी अरब में इस तरह अपराध के मामलों में कड़े दंड का प्रावधान है.

सऊदी अरब के इस कदम पर तमाम देशों के शिया संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है.

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