राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हिंसा से घिरे बांग्लादेश को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि राजनीतिक मतभेदों को संवाद के जरिए दूर किया जाना चाहिए तथा सांप्रदायिक शांति तथा सौहार्द कायम रहना चाहिए.
मुखर्जी ने कहा, ‘हमने बांग्लादेश में अपने सभी वार्ताकारों से कहा कि समग्र राजनीतिक प्रक्रिया और सांप्रदायिक शांति एवं सौहार्द को कायम रखने की जरूरत है.’ उनकी यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब बांग्लादेश में कट्टरपंथी राजनीतिक दल जमात-ए-इस्लामी के नेताओं को युद्ध अपराध के मामले में दोषी करार दिए जाने को लेकर हिंसा हो रही है.
राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि आंतरिक राजनीतिक मतभेदों को संवाद के जरिए दूर कर लिए जाएगा और सभी समुदायों के अधिकारों का पूरा सम्मान होगा.’
अपने तीन दिवसीय बांग्लादेश प्रवास के दौरान मुखर्जी ने प्रधानमंत्री शेख हसीना और कई दूसरे बड़े नेताओं से मुलाकात की. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की ओर से मुलाकात रद्द किए जाने के बारे में पूछने पर मुखर्जी ने कहा, ‘विदेश सचिव पहले इस बारे में आपसे बात कर चुके हैं.’ विदेश सचिव रंजन मथाई ने चार मार्च को कहा था कि खालिदा से मुलाकात करने को लेकर राष्ट्रपति उत्सुक हैं.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील बांग्लादेश स्पष्ट तौर पर भारत के हित में है.’ बांग्लादेश में हिंसा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘यह उनका आंतरिक राजनीतिक मुद्दा है जिसका समाधान वहां के संबंधित राजनीतिक दल ही करेंगे.’