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Russia-Ukraine War: यूक्रेन संकट पर UNSC ने विशेष सत्र बुलाया, भारत-चीन ने वोटिंग से फिर बनाई दूरी

यूक्रेन संकट पर आपातकालीन विशेष सत्र बुलाने को लेकर सुरक्षा परिषद में वोटिंग हुई. यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में इस प्रस्ताव के पक्ष में 15 में से 11 वोट पड़े. जबकि रूस ने इसका विरोध किया. वहीं, भारत, चीन और यूएई ने एक बार फिर मतदान की प्रक्रिया से खुद को दूर रखने का फैसला किया

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यूक्रेन संकट पर आपातकालीन विशेष सत्र बुलाने को लेकर सुरक्षा परिषद में वोटिंग हुई
यूक्रेन संकट पर आपातकालीन विशेष सत्र बुलाने को लेकर सुरक्षा परिषद में वोटिंग हुई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूक्रेन संकट पर आपातकालीन सत्र बुलाने पर हुआ मतदान
  • भारत, चीन और यूएई ने खुद को वोटिंग से किया दूर
  • 11 देशों ने प्रस्ताव का किया समर्थन, रूस ने किया विरोध

Russia-Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार को यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे पर 193 सदस्यीय महासभा का एक आपातकालीन विशेष सत्र बुलाया है. यह सोमवार को आयोजित किया जाएगा. 4 दशकों में पहली बार, UNSC ने यूक्रेन पर UNGA में विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है. वहीं, UNSC के इतिहास में यह 11वीं बार होगा. 

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इससे पहले यूक्रेन संकट पर आपातकालीन विशेष सत्र बुलाने को लेकर सुरक्षा परिषद में वोटिंग हुई. यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में इस प्रस्ताव के पक्ष में 15 में से5ी 11 वोट पड़े. जबकि रूस ने इसका विरोध किया. वहीं, भारत, चीन और यूएई ने एक बार फिर मतदान की प्रक्रिया से खुद को दूर रखने का फैसला किया. ऐसा ही कुछ शुक्रवार को हुआ था, जब यूक्रेन पर रूस के हमले को रोकने और सैनिकों की वापसी को लेकर यूएन में प्रस्ताव आया था. लेकिन तब रूस ने वीटो का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को गिरा दिया था.

अमेरिका ने रूस पर साधा निशाना

यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में अमेरिका की प्रतिनिधि ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखा है. जबकि रूस ने बिना परमाणु हथियार वाले यूक्रेन में हमले जारी रखे हैं. 

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अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा, हम एक ऐसे प्रस्ताव पर मतदान करेंगे जो रूस को उसके कामों और उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार ठहराएगा. पूरे यूक्रेन में रॉकेटों बरसाए जा रहे हैं. रूस यूक्रेन पर झूठे आरोप लगा रहा है. 

भारत ने हिंसा रोकने की अपील की

यूएन में भारत के प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने कहा, हम हिंसा को तत्काल रोकने और सभी शत्रुताओं को समाप्त करने की अपनी अपील को दोहरा रहे हैं. हमारे प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन के नेतृत्व के साथ अपनी हालिया बातचीत में इसकी वकालत भी की है. 

टीएस त्रिमूर्ति ने कहा, हम दोनों देशों के बेलारूस बॉर्डर पर बातचीत के आज के ऐलान का स्वागत करते हैं. हम बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों समेत भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं जो अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. 

टीएस त्रिमूर्ति ने कहा, सीमा पार से संघर्ष और अनिश्चित स्थितियों से हमारे निकासी प्रयासों पर प्रभाव पड़ा है. यह मानवीय आवश्यकता है जिसे संबोधित किया जाना चाहिए. परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमने आज के मतदान से खुद को बाहर रखने का फैसला किया है. 

 

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