टैरिफ को लेकर छिड़ी जंग के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका से एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर लगने वाले टैरिफ में भारत भारी कटौती करने को तैयार हो गया है. दूसरी तरफ उन्होंने रूस को झटका दिया है. अब अमेरिका रूस पर भी टैरिफ लगाएगा.
बता दें कि टैरिफ को लेकर ट्रंप भारत के संबंध में पहले भी बयान दे चुके हैं. कुछ दिन पहले यूएस कांग्रेस को संबोधित करते हुए भी ट्रंप ने कहा था कि भारत हम पर 100 फीसदी से ज्यादा ऑटो टैरिफ लगाता है.
अब शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'कनाडा में लकड़ी पर टैरिफ बहुत ज़्यादा है. रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर जल्द कुछ किया जाएगा.' आगे कहा कि यूरोपीय संघ टैरिफ के मामले में बहुत बुरा व्यवहार करता रहा है. इसके बाद ट्रंप बोले कि भारत अमेरिकी सामान पर टैरिफ घटाने को राजी हो गया है. मुझे ब्रिटेन के साथ डील करना मुश्किल लग रहा है, उनके पास कोई कार्ड नहीं है.'
बता दें कि शुक्रवार को ही इससे पहले ट्रंप का एक और बयान आया था. इसमें कहा गया कि यूक्रेन के साथ शांति समझौता होने तक रूस पर टैरिफ लगाने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रूस अभी यूक्रेन पर बमबारी कर रहा है. दोनों पार्टियां (रूस-यूक्रेन) समझौता करना चाहती हैं, हम इसे सुलझा लेंगे. उन्होंने इसे तीसरा विश्व युद्ध बताते हुए कहा कि यह वास्तव में खत्म हो सकता है. हमें इसे रोकना होगा. हम ईरान के साथ अंतिम क्षणों में हैं, हमारे आगे दिलचस्प दिन हैं. बाइडेन ने पानी की तरह पैसे दिए. किसी भी सुरक्षा गारंटी से पहले यूक्रेन युद्ध को सुलझाना चाहते हैं.
रूस पर बैंकिंग प्रतिबंध और टैरिफ लगाने पर हो रहा विचार
उन्होंने कहा कि यूक्रेन के साथ युद्ध विराम और शांति समझौता होने तक अमेरिका रूस पर बैंकिंग प्रतिबंध और टैरिफ लगाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. रिपब्लिकन राष्ट्रपति का यह बयान उन रिपोर्टों के कुछ दिनों बाद आया है जिनमें दावा किया गया था कि अमेरिका रूस को प्रतिबंधों से राहत देने की योजना पर विचार कर रहा है, क्योंकि ट्रंप रूस के साथ संबंधों को बहाल करना चाहते हैं और यूक्रेन में युद्ध को रोकना चाहते हैं.
4 मार्च को रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया कि व्हाइट हाउस ने राज्य और ट्रेजरी विभागों से प्रतिबंधों की एक सूची तैयार करने को कहा है, जिसे आने वाले दिनों में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा रूसी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के लिए आसान बनाया जा सकता है, जो कि राजनयिक और आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन की मास्को के साथ व्यापक वार्ता का हिस्सा है.
बाइडेन ने 2022 में भी रूस पर लगाए थे प्रतिबंध
ट्रंप के पूर्ववर्ती जो बाइडेन ने रूस द्वारा 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में व्यापक प्रतिबंध लगाए थे. लेकिन जब ट्रंप ने यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक कदम के रूप में प्रतिबंधों को वापस लेने की घोषणा की, तो आलोचकों ने चेतावनी दी कि यह व्लादिमीर पुतिन को प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे रूस को अपने सैन्य अभियानों को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी वित्तीय राहत मिल सकती है.
अब, ट्रंप द्वारा रूस पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों को दोहराना केवल अटकलों को बढ़ावा दे सकता है कि वे दो युद्धरत देशों, यूक्रेन और रूस के बीच प्रस्तावित शांति समझौते को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं.
अगले हफ्ते सऊदी में होनी है बैठक
इस बीच, ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने गुरुवार को कहा कि वह रूस के साथ शत्रुता समाप्त करने के लिए शांति समझौते की रूपरेखा के लिए यूक्रेन के साथ चर्चा कर रहे हैं और अगले हफ्ते सऊदी अरब में यूक्रेनियों के साथ एक बैठक की योजना बनाई गई है. व्हाइट हाउस में रॉयटर्स द्वारा विटकॉफ के हवाले से कहा गया, "हम अब यूक्रेनियों के साथ एक बैठक के समन्वय के लिए चर्चा कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि यह संभवतः रियाद या जेद्दा में होगी."
गौरतलब है कि ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के बीच 28 फरवरी को व्हाइट हाउस में तीखी बहस हुई थी, लेकिन तब से दोनों पक्षों ने राजस्व-साझाकरण खनिज सौदे पर काम फिर से शुरू कर दिया है. मंगलवार को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि उन्हें जेलेंस्की से एक पत्र मिला है जिसमें यूक्रेनी नेता ने कहा है कि वह जितनी जल्दी हो सके बातचीत की मेज पर आने के लिए तैयार हैं.
सऊदी अरब की बैठक का उल्लेख करते हुए विटकॉफ ने कहा, "मुझे लगता है कि विचार एक शांति समझौते और प्रारंभिक युद्धविराम के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का है."