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हुर्रियत को वार्ता से दूर रखने के लिए इस्लामाबाद में होगी PAK से बात

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में हुर्रियत की वजह से लग रहे ग्रहण से निजात पाने के लिए दोनों ही देशों ने एक रास्ता निकाल लिया है. 25 दिसंबर को हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाहौर दौरे के बाद अगले साल 15 जनवरी को इस्लामाबाद में विदेश सचिव स्तर की बैठक होना, इसी बात का संकेत है.

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भारत-पाकिस्तान
भारत-पाकिस्तान

हुर्रियत का मसला अब भारत-पाकिस्तान बातचीत में अड़चन न डाले, इसलिए दोनों देशों के विदेश सचिव अब इस्लामाबाद में मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के औचक लाहौर यात्रा के बाद भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर 15 जनवरी को अपने पाकिस्तानी समकक्ष अजीज अहमद चौधरी से मिलेंगे. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दोनों कूटनीतिज्ञों की बैठक 9 दिसंबर को इस्लामाबाद में घोषित व्यापक द्विपक्षीय मसलों पर आधारित होगी.

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PAK प्रतिनिधि को आना था दिल्ली
गौरतलब है कि पीएम मोदी द्वारा अपने शीर्ष राजनयिक को 'सार्क यात्रा' पर भेजने की घोषणा के बाद जयशंकर इस साल मार्च में इस्लामाबाद दौरे पर गए थे. अब पाकिस्तान के विदेश सचिव के दिल्ली आने की बारी थी, पर भारत ने अपने विदेश सचिव को इस्लामाबाद भेजने का फैसला किया.

हुर्रियत के कारण रद्द न हो वार्ता
सूत्रों के मुताबिक भारत-पाकिस्तान मसलों पर हुर्रियत नेताओं की अहमियत कम करने के लिए भारत इस्लामाबाद में बातचीत के लिए सहमत हुआ है. हुर्रियत को लेकर पाकिस्तान अपने रुख पर कायम है और अभी भी अलगाववादियों को कश्मीर का प्रतिनिधि मानता है. इसीलिए पाकिस्तानी विदेश सचिव का भारत आकर हुर्रियत नेताओं से न मिलना संभव नहीं था.

इसीलिए इस्लामाबाद में मुलाकात
ऐसा माना जा रहा है कि इस्लामाबाद में बैठक होने से हुर्रियत का मुद्दा समस्या नहीं बनेगा. दोनों ही देश बैठक को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते क्योंकि व्यापक द्विपक्षीय वार्ता के लिए यह काफी जरुरी है कि भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए मसलों का हल निकाले.

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दो बार रद्द हुई है वार्ता
हुर्रियत की वजह से ही मोदी सरकार बनने के बाद दो बार बातचीत रद्द की जा चुकी है. अब इस बात पर जोर दिया जाएगा कि 15 जनवरी की बैठक से पहले पाकिस्तानी उच्चाधिकारी अलगाववादियों से मुलाकात न करें.

 

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