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आतंकवाद से मुकाबले के लिए एकजुट हुए भारत-चीन

भारत और चीन पहली बार सुरक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर सहयोग और समन्वय बढ़ाने के लिए गुरुवार को अपने गृह मंत्रियों के नेतृत्व में एक मंत्रिस्तरीय तंत्र बनाने पर सहमत हुए. इन मुद्दों में सीमा पार आतंकवाद, तस्करी और मादक पदार्थ की तस्करी पर अंकुश शामिल है.

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भारत और चीन पहली बार सुरक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर सहयोग और समन्वय बढ़ाने के लिए गुरुवार को अपने गृह मंत्रियों के नेतृत्व में एक मंत्रिस्तरीय तंत्र बनाने पर सहमत हुए. इन मुद्दों में सीमा पार आतंकवाद, तस्करी और मादक पदार्थ की तस्करी पर अंकुश शामिल है.

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मंत्रिस्तरीय तंत्र बनाने के निर्णय पर सहमति तब बनी जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बीजिंग में चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग और गृह मंत्री गुओ शेंगकुन से बातचीत की.

इन मुद्दों से निपटेगी समिति
गृह मंत्री ने ली और गुओ के साथ अपनी बैठकों के बाद मीडिया को बताया कि मंत्रिस्तरीय तंत्र सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर तैयार किये जाने वाले व्यापक सहमतिपत्र के बाद बनाया जाएगा. यह गुओ की अगले वर्ष भारत यात्रा के दौरान अस्तित्व में आएगा. यह समिति आतंकवाद, सुरक्षा और कानून व्यवस्था संबंधी मुद्दों, सीमा पार अपराधों, साइबर अपराधों और मादक पदार्थ तस्करी जैसे मुद्दों से निपटेगी.

उन्होंने कहा, ‘अब से सभी मुद्दों से समिति निपटेगी, जिसकी सह अध्यक्षता दोनों देशों के गृह मंत्री करेंगे.’ उन्होंने कहा कि समिति प्रगति की समीक्षा करने के लिए प्रत्येक वर्ष बैठक करेगी. उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्ष आतंकवाद की पहचान समान खतरे के तौर पर करते हैं. यह एक अंतरराष्ट्रीय और सीमा पार खतरा है जिसे हमारी संयुक्त प्रतिक्रिया की जरूरत है.’ उन्होंने कहा कि यह बिंदु ली के साथ वार्ता में रेखांकित हुए.

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- इनपुट भाषा

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