अमेरिका ने आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को आखिरी चेतावनी दी है. इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को विशेष रूप से पाकिस्तान भेजा था.
मेल टुडे ने उच्चस्तरीय सूत्रों के हवाले से बताया कि टिलरसन ने पाकिस्तान से सख्त लहजे में कहा है कि वह बहाना बनाना बंद करे और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे. वरना अमेरिका खुद ही घुसकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तान को आतंकियों की लिस्ट भी दी है, ताकि वह इनके खिलाफ कार्रवाई कर सके.
पाकिस्तान होते हुए पहली बार भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन ने बुधवार को अपनी समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात की.
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक NSA अजीत डोभाल ने टिलरसन से कहा कि वह आफगानिस्तान और पाकिस्तान के दौरे से आए हैं. लिहाजा अब वह पाकिस्तान का मूल्यांकन करने को कहा. इस पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया गया है.
अगर पाकिस्तान कार्रवाई नहीं करेगा, तो US करेगा
सूत्रों के मुताबिक टिलरसन ने पाकिस्तानी नेतृत्व से सख्त लहजे में कहा कि वो आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे, वरना हम करेंगे. मेल टुडे ने उच्चस्तरीय सूत्रों के हवाले से बताया कि अमेरिका ने अपने मूल्यांकन में पाया कि पाकिस्तान में आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या है. टिलरसन ने अजीत डोभाल को भी इस बात से अवगत करा दिया है. टिलरसन ने कहा कि अमेरिकी सरकार मानती है कि पाकिस्तान में आतंकियों के सुरक्षित ठिकाने असली समस्या है.
जब अधिकारी से यह पूछा गया कि क्या अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा पाकिस्तानी नेतृत्व से खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के बारे में चर्चा की गई, तो उन्होंने कहा कि विशेष रूप से किसी आतंकी के नाम पर चर्चा की बात सामने नहीं आई है. मालूम हो कि भारत लंबे समय से अमेरिका से कह रहा है कि वह मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाए. 26/11 मुंबई आतंकी हमले में कई अमेरिकी नागरिकों की भी मौत हुई थी.
सुषमा और टिलरसन के बीच हुई समग्र वार्ता
बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके अमेरिकी समकक्ष रेक्स टिलरसन के बीच समग्र बातचीत हुई. इसके बाद दोनों देशों ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान को चेतावनी दी कि आतंकवाद की पनाहगाहों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वह अपनी सरजमीं पर मौजूद आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे. इसके अलावा दोनों विदेश मंत्रियों ने बातचीत के दौरान H1B वीजा, अफगानिस्तान के हालात, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-अमेरिका गठजोड़ और उत्तर कोरिया सहित कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. इस बीच सुषमा ने कहा कि उन्होंने एच1बी वीजा मुद्दे पर चर्चा की और अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से अनुरोध किया कि भारतीयों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली कार्रवाई ना की जाए.
Strengthening strategic partnership. EAM @SushmaSwaraj welcomes US Secretary of State Tillerson, his first India visit as Secretary of State pic.twitter.com/0SQqyzC29g
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) October 25, 2017
आतंकवाद के पनाहगाह नहीं किए जाएंगे बर्दाश्तः US
सुषमा स्वराज के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टिलरसन ने कहा, ‘आतंकवाद के पनाहगाह बर्दाश्त नहीं की जाएंगे.’ भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के एक लिए एक बड़ा खतरा बन चुके आतंकवाद पर टिलरसन के साथ विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में आतंकी हमले की घटनाएं बढ़ने को लेकर चिंता जताई और कहा कि ये हमले दर्शाते हैं कि वहां ऐसे तत्व हैं, जो आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं और उनको पनाहगाह मुहैया करा रहे हैं. उनके मुताबिक टिलरसन ने सहमति जताई कि भारत और अमेरिका को यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी देश आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया नहीं कराए और अगर कोई देश आतंवाद का सहयोग करता है या उसका इस्तेमाल करता है, तो उसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
आतंकी ठिकानों को खत्म करने के लिए फौरम कदम उठाए PAK
सुषमा स्वराज ने कहा, ‘हमने इस बात पर भी सहमति जताई कि पाकिस्तान को आतंकवाद की पनाहगाहों को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए. हमारा मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नई रणनीति (दक्षिण एशिया के लिए) तभी सफल हो सकती है, जब पाकिस्तान बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे.’ सुषमा और टिलरसन के बीच वार्ता में अमेरिका की ओर से दक्षिण एशिया एवं अफगानिस्तान में सुरक्षा हालात को लेकर घोषित नई रणनीति का पूरा असर दिखा. ट्रंप प्रशासन ने अपनी नई रणनीति में क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे में भारत की भूमिका बढ़ने की पैरवी की है.
अमेरिका की 75 आतंकियों की सूची में हाफिज सईद का नाम नहीं
अमेरिका की ओर से जिन 75 आतंकियों की सूची सौंपी गई है, उसमें खूंखार आतंकी हाफिज सईद का नाम शामिल नहीं है. बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि अमेरिका की ओर से सौंपी गई 75 आतंकियों सूची में जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद का नाम नहीं है. इस सूची में हक्कानी नेटवर्क का नाम शीर्ष पर है. पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन सीनेट में उन्होंने कहा कि इस सूची में किसी भी पाकिस्तानी आतंकी का नाम शामिल नहीं है.
अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को सराहा
टिलरसन ने अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं के जरिए भारत की ओर से रचनात्मक भूमिका निभाने की सराहना की. उन्होंने कहा, ‘हमें पाकिस्तान सरकार की स्थिरता व सुरक्षा की भी चिंता है और साथ ही यह चिंता भी है कि आतंकी संगठनों की संख्या बढ़ गई है...उनकी ताकत बढ़ गई है. पाकिस्तान की सीमा के भीतर उनकी क्षमता बढ़ गई है और इस सब से उसकी अपनी स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो सकता है.’
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे में यह परस्पर हित में है कि इन आतंकी संगठनों पर न सिर्फ नियंत्रण किया जाए, बल्कि इनका सफाया भी किया जाए तथा सभी लोगों को कट्टरपंथ को खत्म करने का संकल्प करना चाहिए. सुषमा और टिलरसन ने दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने व व्यापार संबंधों में बेहतरी सहित विभिन्न विषयों पर बातचीत की. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत की सेना के आधुनिकीकरण के लिए सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी मुहैया कराने को तैयार है. टिलरसन ने कहा कि भारत अमेरिका-अफगानिस्तान नीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और वह हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर उत्सुक हैं.
Mr. Rex Tillerson, U.S. Secretary of State met Prime Minister @narendramodi. @StateDept pic.twitter.com/vISIt6G8sq
— PMO India (@PMOIndia) October 25, 2017
पीएम मोदी से मिले अमेरिकी विदेश मंत्री
भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस बीच दोनों नेताओं ने जोर दिया कि भारत-अमेरिका भागीदारी सिर्फ आपसी फायदे के लिए ही नहीं है, बल्कि वैश्विक स्थिरता और क्षेत्र में सकारात्मक छाप छोड़ने के लिए भी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण एशिया पॉलिसी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका का मकसद आतंकवाद व आतंकी ठिकानों को नष्ट करना है, ताकि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाई जा सके.