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'बांग्लादेश में भारत समर्थित प्रोजेक्ट पर जारी रहेगा काम...', अंतरिम सरकार ने कहा- नहीं रुकेंगी परियोजनाएं

बांग्लादेश के वित्तीय सलाहकार ने जोर दिया कि भारत द्वारा वित्त पोषित परियोजनाएं नई सरकार के तहत जारी रहेंगी और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाने पर भी जोर दिया. भारतीय उच्चायुक्त ने भी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.

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भारत-बांग्लादेश (File photo)
भारत-बांग्लादेश (File photo)

बांग्लादेश अंतरिम सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत द्वारा वित्त पोषित परियोजनाएं "बहुत अहम" हैं और नई सरकार के तहत जारी रहेंगी. सरकार के वित्त सलाहकार सेलहुद्दीन अहमद यह बात कही. उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से मुलाकात के दौरान भारत के साथ "वर्धित सहयोग" की उम्मीद जताई.

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सेलहुद्दीन अहमद ने कहा, "भारत के साथ हमारी जो परियोजनाएं हैं, वे बड़ी परियोजनाएं हैं और हम उन्हें जारी रखेंगे, क्योंकि वे छोटे प्रोजेक्ट नहीं हैं. हम हमारे लाभ के लिए एक और बड़ी परियोजना लेंगे." उन्होंने यह भी कहा कि जो परियोजनाएं पहले से जारी हैं, हम उन्हें रोकेंगे नहीं और उनकी फंडिंग और इम्प्लीमेंटेशन पर भी चर्चा की जाएगी.

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प्रोजेक्ट को पूरा करने की चिंता

अंतरिम सरकार में सलाहकार ने कहा कि शेख हसीना की अगुवाई वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद भारत के तीन क्रेडिट लाइन के तहत वित्त पोषित परियोजनाओं के समय पर पूरा होने को लेकर चिंताएं हैं. 

भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कहा कि नई दिल्ली ने बांग्लादेश के लिए अपनी किसी भी क्रेडिट लाइन परियोजना को नहीं रोका है. उन्होंने कहा, "ये परियोजनाएं जारी हैं और वे बहुत बड़ी परियोजनाएं हैं. ठेकेदार वापस आकर परियोजनाओं को शुरू करेंगे."

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दोनों देशों में व्यापार और सहयोग के लिए कई ऑप्शन

सेलहुद्दीन अहमद ने भारत सरकार के लगातार सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा, "हम भविष्य में सहयोग की भी उम्मीद कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि भारतीय-वित्त पोषित परियोजनाएं बांग्लादेश की अपनी जरूरतों पर आधारित हैं. उन्होंने कहा, "हालांकि, कुछ वितरण में समस्याएं आई हैं  हम उन्हें हल करने की प्रक्रिया में हैं."

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बैठक में दोनों पक्षों ने मौजूदा द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की. अहमद ने कहा कि भारत बांग्लादेश का "बड़ा पड़ोसी" है और दोनों देशों के आर्थिक सहयोग और व्यापार के कई क्षेत्र हैं.

वहीं भारतीय उच्चायुक्त ने बांग्लादेश में निवेश और आर्थिक सहयोग के लिए भारतीय पक्ष की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा, "हम सरकार के साथ बहुत करीबी संपर्क में हैं, और सलाहकार के साथ मेरी बैठक इसका प्रमाण है." 

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