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भारतवंशी विजय शेषाद्रि ने जीता पुलित्जर पुरस्कार

बेंगलुरू में जन्मे भारतवंशी अमेरिकी कवि विजय शेषाद्रि ने 2014 का पुलित्जर पुरस्कार जीता है. शेषाद्रि को यह पुरस्कार उनकी कविता '3 सेक्शंस' के लिए दिया जाएगा. यह कविता जन्म से लेकर मतिभ्रम तक मानव चेतना की परीक्षा करता है.

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बेंगलुरू में जन्मे भारतवंशी अमेरिकी कवि विजय शेषाद्रि ने 2014 का पुलित्जर पुरस्कार जीता है. शेषाद्रि को यह पुरस्कार उनकी कविता '3 सेक्शंस' के लिए दिया जाएगा. यह कविता जन्म से लेकर मतिभ्रम तक मानव चेतना की परीक्षा करता है.

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शेषाद्रि (60) को इस पुरस्कार के तहत कोलंबिया विश्वविद्यालय के अमेरिकी लेखक 10,000 डॉलर की राशि प्रदान करेंगे. कोलंबिया विश्वविद्यालय ने सोमवार को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की घोषणा की. '3 सेक्शंस' का प्रकाशन ग्रेवुल्फ प्रेस ने किया है.

इस श्रेणी में शेषाद्रि का मुकाबला मोरी क्रीच के 'द स्लीप आप रीजन', एड्रियन मैटेज्का के 'द बिग स्मोक' से था. शेषाद्रि की कविता संग्रह में 'द लांग मीडॉ' (ग्रेवुल्फ प्रेस, 2004) और 'वाइल्ड किंगडम' (1996) शामिल है. 'द लांग मीडॉ' जेम्स लाफलिन अवार्ड जीत चुका है.

शेषाद्रि पांच साल की उम्र में ही अमेरिका में बस गए थे. उनका पालन-पोषण ओहियो के कोलंबस में हुआ, जहां उनके पिता ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में रसायन शास्त्र पढ़ाते थे. वह पेसिफिक नार्थवेस्ट सहित अमेरिका के कई हिस्से में रह चुके हैं.

उनकी कविताएं, लेख और समीक्षा अमेरिकन स्कॉलर, द न्यू यार्कर, द पेरिस रिव्यू, द येल रिव्यू, द टाइम्स बुक रिव्यू, और अंडर 35 : द न्यू जेनेरेशन ऑफ अमेरिकन पोएट, कांटर्स ऑफ द हार्ट, स्टेइंग एलाइव : रियल पोएम्स फॉर अनरियल टाइम्स और द बेस्ट अमेरिकन पोएट्री 1997 एंड 2003 जैसे कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं.

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शेषाद्रि ने ओबरलिन कॉलेज से एबी की डिग्री और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमएफए की डिग्री हासिल की है. अपनी पत्नी और बेटे के साथ ब्रुकलिन में रहने वाले शेषाद्रि फिलहाल सारा लॉरेंस कॉलेज में कविता पढ़ाते हैं.

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