scorecardresearch
 

नेपाल नस्ली तौर पर विविध है, हर किसी को खुश रख पाना संभव नहीं

नेपाल में भारतीय सीमा से लगे हिस्से और दूसरे कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शनों के बीच नए संविधान की घोषणा के बाद काठमांडू में भारतीय राजदूत रंजीत राय ने सरकार को यहां के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी.

Advertisement
X
नेपाल में नए संविधान की घोषणा
नेपाल में नए संविधान की घोषणा

नेपाल में भारतीय सीमा से लगे हिस्से और दूसरे कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शनों के बीच नए संविधान की घोषणा के बाद काठमांडू में भारतीय राजदूत रंजीत राय ने सरकार को यहां के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी.

Advertisement

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राय को ‘विचार-विमर्श’ के लिए बुलाया गया था. राय ने नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों को लेकर वहां के प्रधानमंत्री से बात कर भारत की चिंता से अवगत कराया.

भारत ने नेपाल से कहा कि मतभेद वाले मुद्दों को ‘ हिंसा और धमकी से मुक्त माहौल में बातचीत के जरिए हल करना चाहिए और ऐसे ढंग से संस्थागत बनाना चाहिए, जिससे व्यापक तौर पर स्वामित्व और स्वीकार्यकता हो.’

जब यह सवाल किया गया कि संविधान की घोषणा को स्थगित किए जाने की बार- बार सलाह के बाद भारत की नाखुशी को जाहिर करने के लिए राय को बुलाया गया है तो सूत्रों ने कहा कि भारतीय राजदूत कल नेपाल लौट रहे हैं.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘ हम कल संविधान की घोषणा के बाद भारत की सीमा से लगे नेपाल के क्षेत्रों में हिंसा की घटनाओं से बहुत चिंतित हैं.’ उसने कहा, ‘ हमने नेपाल के राजनीतिक नेतृत्व को बार- बार आगाह किया है कि वह इन इलाकों में तनाव को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाए. अगर यह समय से किया जाता तो इन गंभीर घटनाक्रमों को टाला जा सकता था. हमने यह उम्मीद की थी कि टकराव की मौजूदा स्थिति से जुड़ी बातों का निदान करने के लिए नेपाल के नेतृत्व द्वारा प्रभावी ढंग से कदम उठाया जाएगा.’

Advertisement

भारतीय मालभाड़ा कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों को आ रही दिक्कतों का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘ हमने लगातार इसकी दलील दी है कि नेपाल के सभी तबकों के बीच राजनीतिक चुनौतियों को लेकर सहमति बनानी चाहिए. नेपाल के सामने खड़े मुद्दे राजनीतिक स्वभाव के हैं और इनका बल प्रयोग से हल नहीं किया जा सकता.’

भारत में नेपाली राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने कहा कि संविधान में हिंदू भावनाओं का ख्याल रखा गया है. उन्होंने कहा, ‘ नेपाल नस्ली तौर पर विविध है, ऐसे में हर किसी को खुश रख पाना संभव नहीं है. सिर्फ तराई में ही नहीं, बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ आपत्ति और कुछ अप्रसन्नता है.’ नेपाली राजदूत ने कहा, ‘ गाय हमारी राष्ट्रीय पशु अब भी है. इसलिए, सभी हिंदू भावनाओं को शामिल किया जाएगा.'

इनपुट- भाषा

Advertisement
Advertisement