ताइवान से भारत आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर चीन के विरोध के बाद भारत ने सफाई दी है. भारत सरकार ने इस दौरे को 'अनाधिकारिक' करार दिया है. सरकार ने कहा है कि अनाधिकारिक ग्रुप के इस दौरे के राजनीतिक अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए. दरअसल चीन ने प्रतिनिधिमंडल के भारत दौरे का विरोध किया था जिसके बाद भारत सरकार की तरफ से ये सफाई दी गई.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ताइवान से आए इस ग्रुप में अकादमिक विद्वान, कारोबारी, धार्मिक हस्तियां और 'कुछ' सांसद शामिल हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा-इस तरह के अनाधिकारिक ग्रुप्स की भारत यात्रा पूरी तरह पर्यटन के उद्देश्य से है. स्वरूप ने कहा कि इस दौरे में कुछ नया नहीं है और इसके राजनीतिक अर्थ नहीं निकालने चाहिए.
दरअसल चीन ने ताइवान की महिला सांसदों के भारत दौरे पर ऐतराज जताया था. चीन की सरकारी मीडिया में ये चेतावनी दी गई थी कि इस दल की मेजबानी करके भारत 'आग के साथ खेल रहा है.' चीन ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि ऐसे वक्त में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को ताइवान के सवाल पर चुनौती देना बंद कर दिया है, भारत की ये हरकत उकसाने वाली है."
लेख में दी गई थी धमकी
चीन ने अपनी सरकारी मैग्जीन के जरिए भारत को चेतावनी भरे अंदाज में लिखा था, 'कुछ भारतीय ताइवान को चीन की दुखती रग मानते हैं. भारत लंबे वक्त से ताइवान, दक्षिण चीन सागर और दलाई लामा के मसलों को चीन के साथ मोलभाव के लिए इस्तेमाल करना चाहता है. ताइवान में आजादी का समर्थन करने वाली ताकतें दुनिया भर में अलग-थलग पड़ी हैं. ऐसे में चीन को रोकने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करने वाले देशों को नुकसान उठाना पड़ेगा.'