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LAC पर तनातनी के बीच चीन के विदेश मंत्री से मास्को में मिले जयशंकर, ढाई घंटे चली बैठक

रूस की राजधानी मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई. एस जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से इतर हुई.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)
विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात
  • LAC पर जारी तनाव के बीच हुई बैठक
  • ढाई घंटे तक चली दोनों नेताओं की मुलाकात

LAC पर तनातनी के बीच रूस की राजधानी मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई. एस जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से इतर हुई. एस जयशंकर और वांग यी की ये मुलाकात ढाई घंटे तक चली. दोनों देशों के नेता SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को में हैं. 

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बता दें कि लद्दाख सीमा पर पिछले कुछ दिनों में हलचल बढ़ी है. चीन ने भारतीय क्षेत्र में लगातार घुसपैठ की कोशिश की है. 29-30  अगस्त की रात को पैंगोंग लेक के दक्षिणी छोर पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की तो भारतीय सैनिकों ने उन्हें खदेड़ दिया.

भारतीय क्षेत्र में घुसने की चीन की कोशिश यहीं नहीं रुकी. इसके बाद तीन दिन तक लगातार चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की. चीन ने रेजांग ला पर कब्जा जमाने की भी कोशिश की थी और हथियारों के साथ करीब 50 सैनिक आ गए थे. लेकिन भारतीय जवानों ने फिर चीन की कोशिश को सफल नहीं होने दिया.

चीन के रक्षा मंत्री से मिले थे राजनाथ सिंह

पिछले हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष वेई फेंघे से मुलाकात की थी. मॉस्को में हुई ये मुलाकात दो घंटे से ज्यादा चली. बैठक में चीनी रक्षा मंत्री ने एक बार फिर अपनी सेना की डींग हांकी और कहा कि चीन की सेना किसी भी मुकाबले का सामना करने को तैयार है. वहीं,  राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन एक जिम्मेदार राष्ट्र जैसा रवैया दिखाएगा और लद्दाख में LAC पर तैनात अपनी सेना को पूरी तरह से वापस करने के लिए कदम उठाएगा. भारत ने कहा कि चीन को कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे दोनों देश के रिश्ते और बिगड़ें.

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मुलाकात को लेकर ग्लोबल टाइम्स ने क्या लिखा

वहीं, विदेश मंत्रियों की मुलाकात पर चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि अगर चीन और भारत के विदेश मंत्रियों की बैठक से सकारात्मक नतीजे नहीं निकलते हैं, या दोनों पक्ष समझौते पर अमल नहीं करते हैं तो यह एक खतरनाक संकेत हो सकता है. जिसका मतलब होगा कि चीन और भारत में शांति से समाधान निकलने की संभावना कम है. चीनी अखबार लिखता है चीन और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक सीमा पर तनाव को कम करने लिए महत्वपूर्ण होगी.
 


 

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