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पाकिस्‍तान के लिए अरबों डॉलर का आर्थिक गलियारा बना रहा चीन, भारत को ऐतराज

भारत ने पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्मीर से होकर पाकिस्तान के लिए अरबों डॉलर का आर्थिक गलियारा बनाने की चीन की योजना पर चिंता जताई. भारत ने इसके साथ ही चीन को ठोस सामरिक द्विपक्षीय रिश्तों की अपनी प्रतिबद्धता का भरोसा भी दिया.

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भारत ने पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्मीर से होकर पाकिस्तान के लिए अरबों डॉलर का आर्थिक गलियारा बनाने की चीन की योजना पर चिंता जताई. भारत ने इसके साथ ही चीन को ठोस सामरिक द्विपक्षीय रिश्तों की अपनी प्रतिबद्धता का भरोसा भी दिया. विदेश सचिव सुजाता सिंह ने चीन के समकक्ष उप विदेशमंत्री लियू झेनमिन के साथ छठे दौर की सामरिक वार्ता के बाद कहा, 'हमने यह मुद्दा उठाया है और हमने केवल इस बार नहीं बल्कि पहले भी अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. उन्होंने हमारी चिंताओं को महसूस किया. दोनों पक्षों के बीच वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब भारत में आम चुनाव हो रहे हैं जिसमें एक नई सरकार के बनने की संभावना जताई गई है.

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यह पूछे जाने पर कि क्या वार्ता में आज यह मुददा उठा, सुजाता सिंह ने कहा कि यह मामला इस बार भी उठा. भारत ने चीन के शिनजियांग को पाकिस्तान के ग्वादर से रेल और सड़क मार्गों से जोड़ने वाले गलियारे पर चिंता जताई है क्योंकि यह पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्मीर के जरिये बनाया जा रहा है. चीन की दलील है कि यह गलियारा क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने में मदद करेगा.

सीमा विवाद पर सुजाता ने कहा कि यह मुददा उठा लेकिन इसी के साथ उन्‍होंने कहा कि इस मुददे पर विशेष प्रतिनिधियों द्वारा विस्तृत चर्चा की जा रही है जो 17 दौर की वार्ता कर चुके हैं. सुजाता ने अपने संबोधन में कहा, 'मेरी आज यहां की यात्रा चीन की सरकार को यह दोहराने के लिए है कि भारत सरकार चीन के साथ भारत के रिश्तों को प्राथमिकता पर रखता है.'

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सुजाता ने कहा, 'हम शांति और समृद्धता के लिए हमारे सामरिक और सहयोगात्मक साझेदारी को ठोस करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारे दृष्टिकोण की मुख्य बात आपसी विश्वास और समझ पर आधारित अच्छे पड़ोसी रिश्ते और एक दूसरे की चिंताओं और आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशीलता है. जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) कई मौकों पर स्पष्ट कर चुके हैं, विश्व में भारत और चीन के लिए हमारी आर्थिक एवं सामाजिक विकास की प्रक्रियाओं के अंतर्गत अपने विकास की महत्वाकांक्षाएं पूरी करने का पर्याप्त स्थान है और द्विपक्षीय सहयोग की बहुत जगह है.

चीन ने भरोसा जताया है कि भारत में चुनाव में किसी भी पार्टी की सरकार आए, भारत मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए प्रतिबद्ध रहेगा. सुजाता ने बाद में देर शाम चीन के विदेश मंत्री वांग यी से 40 मिनट तक मुलाकात की. लिउ ने शुरुआती संबोधन में कहा, 'मुझे विश्वास है कि भारत में चाहे जो भी पार्टी सत्ता में आए, वह दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक रिश्तों के लिए प्रतिबद्ध रहेगा. पिछले साल नई दिल्ली में सामरिक वार्ता में भाग लेने वाले लिउ ने कहा कि इस वार्ता में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के सभी मुददों को केन्द्र में रखा जाएगा.

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