भारत ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बातचीत करने के न्योता को ठुकरा दिया है और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. भारत ने कहा कि पाकिस्तान पहले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे, जिसके बाद उससे बातचीत की जाएगी. आपको बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था.
इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में हवाई हमले किए थे. हालांकि इसमें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था. साथ ही पाकिस्तान ने दो भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने और एक पायलट को पकड़ने का दावा किया. पायलट की पहचान विंग कमांडर अभिनंदन के रूप में हुई है. दूसरी ओर भारत ने भी पाकिस्तान के लड़ाकू विमान F-16 को मार गिराया है.
दोनों देशों की वायुसेना के बीच हवाई भिड़ंत के बाद बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और शांति व बातचीत का राग अलापा. हालांकि भारत को इमरान खान का बातचीत का न्योता रास नहीं आया. भारत ने एक बार फिर साफ किया कि पाकिस्तान पहले आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे. आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से पहले पाकिस्तान से बातचीत नहीं की जाएगी.
भारतीय क्षेत्र में हवाई हमले का जिक्र करते हुए इमरान खान ने कहा, 'हमारी कार्रवाई का मकसद यह संदेश देना था कि अगर आप हमारे देश में घुसते हैं, तो हम भी ऐसा कर सकते हैं. उनके दो मिग मार गिराए गए हैं. यहां से यह जरूरी हो गया है कि हम अपने दिमाग और इच्छाशक्ति का इस्तेमाल करें.' पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि सभी जंगों का गलत आंकलन किया गया था और कोई नहीं जानता कि यह कहां ले जाती है. प्रथम विश्व युद्ध के कुछ सप्ताह में खत्म होने की बात कही गई थी, लेकिन यह 6 साल तक चला था. इसी तरह आतंकवाद पर जंग 17 वर्षों तक चलेगी, किसी ने भी नहीं सोचा था.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री खान ने कहा, 'मैं भारत से कहना चाहता हूं कि जिस तरह के हथियार आपके पास और हमारे पास हैं, क्या हम एक-दूसरे के बारे में गलत आंकलन को झेल सकते सकते हैं? अगर यह तनाव बढ़ता है, तो यह न तो मेरे काबू में होगा और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के.' इस दौरान उन्होंने पुलवामा आत्मघाती हमले की जांच कराने की अपनी पेशकश को भी दोहराया.
इमरान खान ने कहा कि पुलवामा में जिस दर्द से भारत जूझ रहा है, हम उसे समझते हैं और हम जांच व बातचीत के लिए तैयार हैं. हम दशकों से युद्ध का शिकार रहे हैं. हम जानते हैं कि युद्ध का क्या मतलब होता है? हमने शुरू से ही भारत से पुलवामा हमले के सबूत साझा करने को कहा है. यह पाकिस्तान के हित में कहीं नहीं है कि इसका इस्तेमाल उग्रवाद के लिए किया जाए. उन्होंने कहा, 'मैं अब भारत को संबोधित करना चाहता हूं और कहना चाहता हूं कि अक्लमंदी बरती जानी चाहिए. समझदारी से काम लें.'