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नवाज शरीफ का इंडियन कनेक्शन!, भारत को हैं कई उम्मीदें

नवाज की पार्टी के कार्यकर्ता जश्न में डूबे हैं तो जश्न का माहौल भारत में भी है. पड़ोसी देश में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है. आर्थिक सुधारों की तरफदारी करने वाले नवाज शरीफ पाक के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं लिहाजा भारत को भी कई उम्मीदें हैं.

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नवाज की पार्टी के कार्यकर्ता जश्न में डूबे हैं तो जश्न का माहौल भारत में भी है. पड़ोसी देश में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है. आर्थिक सुधारों की तरफदारी करने वाले नवाज शरीफ पाक के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं लिहाजा भारत को भी कई उम्मीदें हैं.

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नवाज शरीफ पाकिस्तान में लोकतंत्र की लड़ाई जीत चुके हैं. पिछली दोनों बार जब नवाज शरीफ ने सत्ता संभाली थी तो भारत से अच्छे संबंध सुधारने की पहल करने की बात की थी. ऐसे में इस बार भी कई सवाल सामने खड़े हैं.

1. पहला सवाल यही है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती खटास क्या कम होगी?
2. क्या हमेशा से संबंध सुधारने की बात कहने वाले नवाज शरीफ शांतिपूर्ण तरीके से निकालेंगे?
3. क्या मुंबई हमले की साझा जांच के लिए तैयार होंगे नवाज शरीफ?
4. कश्मीर मसले पर भी नवाज शरीफ के स्टैंड पर सबकी नजरें टिकी रहेगी
5. साथ ही नवाज शरीफ पर भारत की निगाहें इसलिए भी टिकी रहेंगी क्योंकि ईरान से गैसपाइप लाइन लाने के लिए उसे पाकिस्तान से जमीन की दरकार है. जिस पर भी नवाज शरीफ गौर फरमा सकते हैं.

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बात पाकिस्तान से संबंधों की हो तो बीजेपी बिना बोले कैसे रह सकती है, उसने तो नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री रहते हुए ही करगिल युद्ध को झेला है. हालांकि जानकार मानते हैं कि भारत के लिए नवाज शरीफ ज्यादा बेहतर पड़ोसी पीएम साबित होंगे.

पाकिस्तान में एक नई उम्मीद, रोशनी की एक नई किरण फूट रही है. लेकिन उम्मीद की इस किरण से भारत और पाकिस्तान के संबंध कितने सुधरेंगे, ये जल्द ही सामने आ जाएगा.


नवाज शरीफ का भारत से गहरा रिश्ता
नवाज शरीफ पाकिस्तान की सियासत में इतिहास रचने जा रहे हैं. पहली बार कोई तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहा है. सरहद के उस पार इतिहास रचनेवाले इस शख्सियत का इतिहास भारत की मिट्टी से ही निकला है. बस एक पीढ़ी पहले नवाज के पिता पंजाब केतरनतारन के एक गांव में रहा करते थे. नवाज शरीफ के पिता मियां मुहम्मद शरीफ कारोबार के सिलसिले में लाहौर चले गए. कारोबार चल निकला और वे लोग वहीं बस गए. लाहौर के उनके घर का नाम भी जात्ती उमरा ही है. सियासत की जमीन बनाते-बनाते शायद नवाज शरीफ अपनी असली जमीन भूल गए हों. लेकिन उनकी मिट्टी आज भी उन्हें याद करती है.

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