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एशिया में भारत अभी भी है ‘नया खिलाड़ी’: अमेरिका

अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि भारत अभी भी एशिया में ‘नया खिलाड़ी’ है जिसपर चीन का प्रभुत्व है. उन्होंने विश्वास जाहिर किया कि नई दिल्ली भविष्य में अहम भूमिका अदा करेगा.

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अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि भारत अभी भी एशिया में ‘नया खिलाड़ी’ है जिसपर चीन का प्रभुत्व है. उन्होंने विश्वास जाहिर किया कि नई दिल्ली भविष्य में अहम भूमिका अदा करेगा.

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पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के सहायक विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने मंगलवार को एस्पेन इंस्टीट्यूट में कहा, ‘राजनीतिक, वित्तीय, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों के हरेक पहलू में चीन का प्रभुत्व है. भारत अभी भी एशिया में नया खिलाड़ी है. मेरा मानना है कि हर किसी को ऊंची उम्मीदें हैं कि वे आगे बढ़ेंगे.’

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के इतिहास का बड़ा हिस्सा एशिया में लिखा जाने वाला है और अमेरिका को उस इतिहास में अपनी भूमिका निभानी है. कैंपबेल ने कहा, ‘ऐसा करने के लिए, हमें न केवल एक या दो सरकारों के साथ बल्कि कई के साथ और ज्यादा सक्रियता से भागीदार होना होगा. खासतौर से हमारी रणनीति, कूटनीति, आर्थिक और व्यापार भागीदारी, सांस्कृतिक आदान प्रदान के हर स्तर पर.’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि इस संबंध में जो कि वास्तव में बहुत मामूली है सैन्य आयाम, उसे सबसे ज्यादा ध्यान मिला है.’ सहायक विदेश मंत्री ने कहा, ‘मेरा मानना है कि राजनयिक पहल आमतौर से ध्यान में कम रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसे बहुत से सवाल रहे हैं कि इसे पुनर्संतुलन, धुरी, झुकाव या कुछ और कहा जाए. मुझे ‘पुनर्संतुलन’ पसंद है और मैं इसका इस्तेमाल करूंगा क्योंकि यह एक प्रक्रिया सुझाता है जिसका सतत विकास होता है. इसके लिए सतत बेहतर संबंध की जरूरत होती है.’

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कैंपबेल ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की नीति चीन को काबू करने की नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी भी किसी वरिष्ठ चीनी राजनयिक को किसी भी औपचारिक ढांचे में यह कहते नहीं सुना कि अमेरिका की नीति काबू करने वाली है.’

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