प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले अमेरिका में भारत के साथ नजदीकियां बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक शीर्ष सीनेटर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में भारत ने कांग्रेस पार्टी के गुटनिरपेक्षता के दर्शन को कुछ हद तक छोड़ दिया है. वर्जीनिया के सीनेटर टिम काइने ने कांग्रेस के समक्ष सुनवाई के दौरान कहा कि भारत ने मोदी शासनकाल में कांग्रेस पार्टी के गुटनिरपेक्षता के दर्शन को कुछ हद तक छोड़ दिया है. अब भारत अमेरिका और अन्य देशों के साथ ज्यादा सैन्य अभ्यास कर रहा है.
उनका यह बयान पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से महज दो सप्ताह पहले आया है. भारत के साथ मजबूत रिश्ते की वकालत करते हुए सीनेटर काइने ने कहा कि यह एक मजबूत तकनीकी क्षमता वाला देश है. लिहाजा इसे एक मिसाल के तौर पर इस्तेमाल कीजिए. हम साइबर सहयोग व्यवस्था में एक संभावित सहयोगी के तौर पर भारत का विश्लेषण करने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आप यह भी जानना चाहेंगे कि क्या वे हमारी तरह की किसी समस्या का सामना कर रहे हैं? क्या उनके सामने भी खतरे के रूप में कोई देश हो सकता है?
हालांकि कोई एक क्षेत्र विशेष भी हो सकता है, जहां वे भी चुनौतियों का सामना कर रहे हों और हम भी. अमेरिकी सीनेटर ने कहा कि ऐसी स्थिति में साइबर रक्षा में सहयोग की जरूरत होती है, लेकिन कम से कम हमें खतरे में पड़े अपने क्षेत्रों का बचाव करना ही चाहिए. इसलिए अनुसंधान एवं विकास समेत अन्य उद्देश्यों के लिए हम किसी क्षेत्र विशेष पर गौर कर सकते हैं और हम दोनों ही देशों को मजबूत बना सकते हैं.