भारत पाकिस्तान से पूछ सकता है कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन करते हुए कैसे जेल से रिहा किया गया क्योंकि उसका संगठन लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है.
माना जा रहा है कि भारत इस्लामाबाद को एक कूटनीतिक नोट भेजकर सवाल करेगा कि लखवी ने कैसे दो मुचलकों पर 10-10 लाख रुपये जमा किए और कौन इन मुचलकों के लिए आगे आया. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान को संदेह है कि शायद आईएसआई ने मुचलके की राशि का इंतजाम किया जिससे लखवी की रिहाई सुनिश्चित हो सके.
भारत पहले ही लखवी की रिहाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र के दखल की मांग कर चुका है. भारत का कहना है कि उसकी रिहाई संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन है और इस विश्व निकाय को यह मुद्दा पाकिस्तान के समक्ष उठाना चाहिए. लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद बीते 10 अप्रैल को अदियाला जेल प्रशासन ने लखवी को रिहा किया था.
लखवी मुंबई हमले के मामले में मुख्य साजिशकर्ता है. नवंबर, 2008 में मुंबई के कुछ प्रमुख स्थानों पर हुए आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे.
पाकिस्तानी कोर्ट ने लखवी को सुरक्षा संबंधी खतरे पर पुलिस से जवाब मांगा
वहीं पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को कथित तौर पर सुरक्षा संबंधी खतरे के बारे में इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख से जवाब मांगा है. एक कोर्ट अधिकारी ने कहा, 'रावलपिंडी की अदियाला जेल में सुनवाई करने वाले इस्लामाबाद स्थित आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश ने इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक को निर्देश दिया है कि वह लखवी को किसी भी तरह के खतरे के बारे में अगली सुनवाई (13 मई) पर रिपोर्ट सौंपें.'
लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने निचली अदालत में आवेदन दायर कर अपने मुवक्किल को मुंबई मामले में अदालत के समक्ष उपस्थित होने से छूट दी जाए क्योंकि लखवी की जिंदगी को एक विदेशी खुफिया एजेंसी और तालिबान के एक धड़े से कथित तौर पर गंभीर खतरा है.
इनपुट भाषा से