अमेरिका ने उस रिपोर्ट पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है जिसमें कहा गया है कि भारत गुप्त रूप से अपने परमाणु कार्यक्रम को विस्तार दे रहा है. अमेरिका ने हालांकि यह भी कहा कि परमाणु संधि के तहत भारत को ऐसा कुछ मुहैया नहीं कराया गया है, जिसका इस्तेमाल भारत अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में कर सकता हो.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने रक्षा और सुरक्षा से जुड़े शीर्ष प्रकाशन 'आईएचएस जेन' की रिपोर्ट पर संवाददाताओं से कहा, 'हम इसके निष्कर्ष पर कुछ भी अनुमान लगाने की स्थिति में नहीं हैं. हम असैन्य परमाणु संधि के तहत भारत को ऐसा कुछ उपलब्ध नहीं करा रहे, जिसका इस्तेमाल भारत की सैन्य क्षमता और सैन्य भंडार को बढ़ाने में हो. लेकिन कुछ कहने के लिए हमारे पास न तो पर्याप्त जानकारी है और न ही रिपोर्ट की कोई पुष्टि की गई है.'
एचआईएस जेन्स की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि मैसूर के नजदीक इंडियन रेयर मेटल्स प्लांट की नई इकाई भारत के हथियार निर्माण की क्षमता को बढ़ा सकता है. यह 2015 के मध्य से अंत तक काम करना शुरू कर देगा.
एचआईएस जेन्स ने यह रिपोर्ट भारतीय अधिकारियों के बयानों और उपग्रह से ली गई तस्वीरों के आधार पर तैयार की है.
साकी ने भारत-अमेरिका के बीच 2008 में हुए असैन्य परमाणु संधि का हवाला देते हुए कहा, 'हम 123 समझौते की शर्तों और रणनीतिक संबंध को बढ़ाने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.'