भारत-पाकिस्तान के बीच मिसाइल विवाद रोज नए मोड़ ले रहा है. अब पाकिस्तान ने इसे लेकर जर्मनी से बात की है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक से फोन पर बातचीत की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भारत की तरफ से हुई मिसाइल फायर पर गंभीरता से ध्यान देने का आग्रह किया है.
पाकिस्तान के अखबार, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि शाह महमूद कुरैशी ने अपने जर्मन समकक्ष को घटना की जानकारी दी है.
विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कुरैशी ने बेरबॉक को सूचित किया कि भारतीय मिसाइल ने 9 मार्च को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था. कुरैशी ने फोन पर पाकिस्तान के रुख को दोहराते हुए कहा कि इस गंभीर मामले को भारतीय अधिकारियों द्वारा दिए गए सरल स्पष्टीकरण के साथ संबोधित नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस घटना की संयुक्त जांच का आह्वान किया है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से परमाणु देशों के बीच इस गंभीर प्रकृति की घटना पर ध्यान देने का आग्रह किया है. बयान में कहा गया कि कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता को बनाए रखने और बढ़ावा देने में अपनी उचित भूमिका निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
क्या है पूरा विवाद?
पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक मेजर बाबर इफ्तिखार ने 10 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 9 मार्च को भारत की तरफ से एक सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट ने उनके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया. उन्होंने बताया कि सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट ने तीन मिनट 44 सेकेंड में पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर 124 किलोमीटर की दूरी तय की थी.
उन्होंने जानकारी दी कि सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट पाकिस्तान के खानेवाल जिले के मियां चन्नू इलाके में अपने आप ही क्रैश कर गया जिससे कई रिहाइशी इमारतों को नुकसान पहुंचा.
इसके अगले दिन भारत ने रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि रूटीन मेंटेनेंस के दौरान गलती से मिसाइल फायर हो गई थी. भारत ने घटना पर खेद जताते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.
हालांकि, पाकिस्तान का कहना है कि घटना पर भारत की एकतरफा जांच काफी नहीं है और इस पर दोनों देशों की संयुक्त जांच होनी चाहिए. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की इंटरनल जांच पर्याप्त नहीं है क्योंकि मिसाइल तो पाकिस्तान में गिरी, इसलिए मामले की संयुक्त जांच होनी चाहिए.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने पाकिस्तान में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हम भारतीय मिसाइल के पाकिस्तान में गिरने का जवाब दे सकते थे लेकिन हमने संयम बरता.