जम्मू कश्मीर में घात लगाकर हमला, घुसपैठ, कच्छ के रण में अनधिकृत प्रवेश, तस्करी और संघषर्विराम उल्लंघन जैसे प्रमुख मुद्दे पाकिस्तान के साथ होने वाली पांच दिवसीय महानिदेशक स्तर की वार्ता में उठने की संभावना है. नौ सितंबर से यह वार्ता सीमा की रक्षा करने वाले दोनों देशों के बलों के बीच शुरू होगी.
9 से 13 सितंबर तक वार्ता
पाकिस्तान रेंजर्स के महा निदेशक (पंजाब) मेजर जनरल उमर फारूक बुरकी के नेतृत्व में 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आठ सितंबर को अटारी- वाघा सीमा को पार कर भारत आएगा. यह प्रतिनिधिमंडल सीमा सुरक्षा बल के साथ 9 से 13 सितंबर तक वार्ता करेगा. भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भी इतने ही सदस्य होंगे और इसका नेतृत्व सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख देवेन्द्र कुमार पाठक करेंगे.
संघर्ष विराम उल्लंघन जैसे मुद्दे होंगे शामिल
अधिकारियों ने बताया कि बातचीत के लिए भारतीय एजेंडे में जम्मू कश्मीर में संघर्ष विराम उल्लंघन के सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दे पर बल देना है. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेंजरों द्वारा बिना उकसावे के गोलीबारी की जा रही है. भारतीय पक्ष इस मुद्दे को भी उठाएगा कि जब BSF सफेद झंडा लहराता है तो अन्य पक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती. सफेद झंडा लहराने का अर्थ है कि गोलीबारी बंद की जाए और दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों की बैठक करवाई जाए.
रद्द हुई थी NSA स्तर की वार्ता
पाकिस्तान ने पिछले महीने डीजी स्तर की वार्ता और एजेंडा की पुष्टि की थी. हालांकि इससे पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बैठक को उसने रद्द कर दिया था. इससे पहले भारत ने यह स्पष्ट किया था कि कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज से यात्रा के दौरान वार्ता से पहले मिलने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
सैनिकों द्वारा अभद्र भाषा का उपयोग
रेंजर्स ने अपने एजेंडे में भारतीय पक्ष के सैनिकों द्वारा कथित रूप से अभद्र भाषा के उपयोग और संदिग्ध मानव रहित यान द्वारा वायु क्षेत्र का उल्लंघन जारी रहने के मुद्दे को शामिल किया है. उन्होंने अपने एजेंडे में सीमा पर रक्षा आधारभूत ढांचे का कथित निर्माण, सरकंडा की आड़ लेकर गोलीबारी करने, तस्करी तथा नागरिकों को पकड़ कर उनकी जान लेने जैसे मुद्दों को शामिल किया है.
भारी बम गोलों का हुआ इस्तेमाल
रेंजर्स के शिष्टमंडल में सिंध के डीजी शामिल नहीं होंगे. रेंजर्स ने आरोप लगाया कि भारतीय पक्ष ने उनकी जरूरत के अनुसार ध्वज बैठक बुलाने की उनकी मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की. उन्होंने यह भी दावा किया है कि भारत ने सीमा पार गोलीबारी के दौरान भारी बम गोलों का इस्तेमाल किया.
BSF का विशेष कमांडो दस्ता करेगा सुरक्षा
भारत पहुंचने के बाद रेंजर्स के शिष्टमंडल की सुरक्षा BSF का विशेष कमांडो दस्ता करेगा. यह दस्ता अत्याधुनिक हथियारों और वाहनों से लैस होगा. BSF ने इससे पहले 2014 के शुरू में डीजी स्तर की वार्ता के लिए आमंत्रण भेजा था. दोनों पक्षों के बीच अंतिम बार उस समय बात हुई थी, जब BSF का एक शिष्टमंडल दिसंबर 2013 में लाहौर गया था.
शामिल होंगे कई अधिकारी
भारतीय पक्ष में गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन प्रभाग के अधिकारी, विदेश मंत्रालय, अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे राज्यों, मादक पदार्थ ब्यूरो, भारतीय सर्वेक्षण और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल होंगे. पाकिस्तानी शिष्टमंडल में गृह मंत्रालय सहित उसके सुरक्षा प्रतिष्ठानों के अधिकारियों के शामिल रहने की संभावना है.
इनपुट- भाषा