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'घरेलू मामलों में विदेशी...', धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट पर अमेरिका को भारत की दो टूक

बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की जिसमें भारत पर निशाना साधा गया. इसमें भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सवाल उठाए गए जिसे लेकर अब भारत ने पलटवार किया है.

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भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है (Photo- Reuters/Screengrab)
भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है (Photo- Reuters/Screengrab)

भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग की 'धार्मिक स्वतंत्रता 2023' की रिपोर्ट को 'बेहद पक्षपातपूर्ण' बताते हुए खारिज कर दिया है. भारत ने कहा है कि रिपोर्ट में भारत के सामाजिक ताने-बाने की सही समझ की कमी दिखती है. बुधवार को जारी अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में नफरत फैलाने वाले भाषण, धर्मांतरण विरोधी कानूनों, अल्पसंख्यक लोगों के घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त करने में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है.

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अब विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी रिपोर्ट को लेकर कड़ी फटकार लगाई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने अमेरिकी विदेश विभाग की 2023 के लिए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट पर गौर किया है. पहले की तरह ही, रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है, इसमें भारत की सामाजिक समझ का अभाव है और यह वोट बैंक से प्रेरित है, इसलिए हम इसे खारिज करते हैं.'

विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि 'रिपोर्ट आरोपों, गलत बयानी, अपनी मर्जी के तथ्यों का चयन, पक्षपाती स्रोतों और मुद्दों का मिश्रण है.'

रणधीर जायसवाल ने अमेरिका को दिखाया आईना

रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि रिपोर्ट भारत के संवैधानिक प्रावधानों और कानूनों को गलत तरीके से पेश करती है, पहले से तय नैरेटिव को बढ़ावा देने के लिए चुनिंदा घटनाओं को उजागर करती है और भारत की कानूनी और विधायी प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाती है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'रिपोर्ट में उन नियमों को भी निशाना बनाया गया है जो भारत में वित्त के दुरुपयोग पर नजर बनाए रखते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नियमों को मानने का बोझ अनुचित है.' 

उन्होंने अमेरिका को आईना दिखता हुए कहा कि अमेरिका के पास इसे लेकर खुद सख्त कानून और नियम हैं लेकिन वो अपने लिए इस तरह की बातें नहीं करेगा.

रणधीर जायसवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत और अमेरिका के बीच मानवाधिकार और विविधता के सम्मान को लेकर चर्चा होती रही है. उन्होंने हेट क्राइम, भारतीय नागरिकों और अमेरिका में अन्य अल्पसंख्यकों पर नस्लीय हमलों के साथ-साथ पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ और उन्हें निशाना बनाने के मुद्दों को लेकर भारत के प्रयासों पर बात की. 

विदेशी हस्तक्षेप का लाइसेंस...

हालांकि, उन्होंने घरेलू मामलों में विदेशी हस्तक्षेप के बहाने के रूप में इस तरह की बातचीत का इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी.

रणधीर जायसवाल ने कहा, '2023 में, भारत ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका में हेट क्राइम, भारतीय नागरिकों और अन्य अल्पसंख्यकों पर नस्लीय हमलों, पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ और उन्हें निशाना बनाने, कानून लागू कराने वाले अधिकारियों द्वारा हिंसा और दुर्व्यवहार, विदेशों में उग्रवाद और आतंकवाद को राजनीतिक संरक्षण के साथ-साथ कई मामले उठाए हैं.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हालांकि, इस तरह की बातचीत विदेशी हस्तक्षेप का लाइसेंस नहीं बननी चाहिए.'

रिपोर्ट जारी करते वक्त अमेरिकी विदेश मंत्री ने क्या कहा? 

बुधवार को रिपोर्ट जारी करते वक्त अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी, जबकि वो पहले ऐसा करने से बचते दिखे थे. उन्होंने कहा था कि भारत में हम धर्मांतरण विरोधी कानूनों, नफरत भरे भाषण, अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त करने में चिंताजनक बढ़ोतरी देख रहे हैं.

धार्मिक स्वतंत्रता की रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए आगे कहा गया, 'धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों पर हमले, जिनमें हत्याएं, हमले, धमकी और गाय से संबंधित मामले भी शामिल हैं, विभिन्न शहरों में पूरे साल देखे गए. गाय से संबंधित मामले इस आरोप पर आधारित हैं कि मुस्लिम गोहत्या या गोमांस का व्यापार कर रहे हैं.'

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अमेरिकी अधिकारियों ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर चिंता जताना जारी रखा है.

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