रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 22वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन के लिए 6 दिसंबर को भारत आ रहे हैं. भारत-रूस के बीच एस-400 मिसाइल सिस्टम ख़रीद को लेकर हुए एक करार के मद्देनजर पुतिन के इस दौर को बेहद अहम माना जा रहा है. दोनों देशों के बीच हुए रक्षा सौदे को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे के बीच भारत ने अमेरिका को दो टूक जवाब दिया है कि वो ‘किसी के दबाव’ में नहीं आने वाला.
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में ये बयान दिया जिसे पीआईबी ने प्रकाशित किया है. बयान में रक्षा मंत्रालय की तरफ़ से कहा गया है, ‘रूस से एस-400 सिस्टम की डिलीवरी के लिए 5 अक्टूबर 2018 को एक करार किया गया. सरकार रक्षा उपक्रमों की खरीद को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों से अवगत है.’
बयान में आगे कहा गया, ‘सरकार, सशस्त्र बलों की सभी सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने की तैयारी के लिए संभावित खतरों, ऑपरेशनल और तकनीकी पहलुओं के आधार पर संप्रभुता से निर्णय लेती है. डिलीवरी करार की समय सीमा के हिसाब से हो रही है.’
साथ ही बयान में रक्षा राज्य मंत्री ने ये भी कहा है कि एस-400 मिसाइल के भारतीय वायु सेना में शामिल होने से वायु रक्षा प्रणाली में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.
भारत के इस बयान को अमेरिका के परिपेक्ष्य में काफ़ी अहम माना जा रहा है. दरअसल अमेरिका रूस से रक्षा सौदा करने वाले देशों के खिलाफ़ काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत कार्रवाई कर उन पर प्रतिबंध लगाता है.
माना जा रहा था कि रूस से मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर अमेरिका भारत पर भी कार्रवाई कर सकता है, लेकिन उसकी तरफ़ से अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है. हालांकि अमेरिका के उप राष्ट्रपति वेंडी शेरमन ने पिछले दिनों कहा था कि अगर कोई देश एस- 400 मिसाइल सिस्टम को इस्तेमाल की सोचता है तो वो खतरनाक है.
बहरहाल, रूसी राष्ट्रपति 6 दिसंबर के अपने भारत दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिखर वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है. ऐसा माना जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति के इस दौरे में मिसाइल रक्षा खरीद को लेकर भी जानकारी सामने आ सकती है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दोनों देशों के बीच होने वाली वार्ता का ब्योरा देते हुए बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ भी अपने रूसी समकक्ष सर्गेई सोयगु से वार्ता करेंगे. इसके बाद दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता करेंगे जिसमें कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होगी.