संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान के आरोपों का करारा जबाव दिया है. सुयंक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा कि इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि इमरान खान का भाषण नफरत से भरा है. विदिशा मैत्रा ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात को स्वीकार करेगा कि वो दुनिया का एकमात्र देश है जो वैसे शख्स को पेंशन देता है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अल कायदा और ISIS जैसे आतंकियों की लिस्ट में रखा है.
विदिशा मैत्रा ने कहा कि मानवाधिकार की बात करने वाले पाकिस्तान को सबसे पहले पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत देखनी चाहिए जिनकी संख्या 23 प्रतिशत से 3 प्रतिशत पर पहुंच गई है. पाकिस्तान को इतिहास नहीं भूलना चाहिए और याद रखना चाहिए कि 1971 में उन्होंने अपने लोगों के साथ क्या किया था. उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री इमरान खान न्यूयॉर्क शहर को ये बात बताना नहीं चाहेंगे कि वे ओसामा बिन लादेन के खुलेआम समर्थक रहे हैं.
Vidisha Maitra, First Secretary MEA exercises India's right of reply to Pakistan PM Imran Khan's speech: Citizens of India do not need anyone else to speak on their behalf, least of all those who have built an industry of terrorism from the ideology of hate. https://t.co/sK89cd3VVy pic.twitter.com/sLkB7YXUei
— ANI (@ANI) September 28, 2019
यूएन में भारत की सबसे नई सदस्य विदिशा मैत्रा ने पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि पाकिस्तान के पीएम जिस तरह से न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देते हैं वो एक राजनेता का व्यवहार नहीं है, बल्कि एक छोटे नेता का व्यवहार है.
UN से घोषित आतंकी पाकिस्तान में
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार कर सकता है कि आज संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी करार दिए गए 130 लोग उसके देश में रहते हैं. क्या पाकिस्तान इससे इनकार कर सकता है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतबंधित 25 आतंकी संगठनों का ठिकाना पाकिस्तान है.
Vidisha Maitra: The mainstreaming of Jammu & Kashmir, as well as Ladakh, in India’s thriving and vibrant democracy with a millennia-old heritage of diversity, pluralism and tolerance is well and truly underway. Irreversibly so. pic.twitter.com/6n6bRsH2cl
— ANI (@ANI) September 28, 2019
पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार का मुद्दा उठाने पर भारत ने फटकार लगाते हुए कहा कि एक ऐसा देश जो आतंकवाद और नफरत को मुख्यधारा में शामिल कर चुका है वो अब मानवाधिकारों का चैम्पियन बनकर अपना वाइल्डकार्ड इस्तेमाल करना चाहता है.
जनरल नियाजी से इमरान खान की तुलना
विदिशा मैत्रा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को नियाजी संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को समझना चाहिए कि आज के लोकतंत्र में नरसंहार की कोई जगह नहीं है. उन्होंने अपनी इतिहास की धुंधली समझ को थोड़ा स्पष्ट करना चाहिए. विदिशा मैत्रा ने कहा कि पाकिस्तान 1971 की घटनाएं नहीं भूलनी चाहिए. जब लेफ्टिनेंट जनरल ए ए के नियाजी ने बांग्लादेश में अपने ही नागरिकों पर क्या जुल्म ढाया था. बता दें कि 1971 में बांग्लादेश युद्ध में जनरल नियाजी ने ही 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों के साथ भारत के सामने सरेंडर किया था.
अस्थायी प्रावधान था 370
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 एक आउटडेटेड और अस्थायी प्रावधान था, और इससे वहां के विकास में बाधा आ रही थी. विदिशा मैत्रा ने कहा कि जहां पाकिस्तान आतंकवाद और नफरत की बात कर रहा है वहीं पर भारत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रहा है. विदिशा मैत्रा ने कहा कि भारत के लोगों को वैसे शख्स से भाषण कतई नहीं चाहिए जो नफरत की विचारधारा का पालन करते हुए आतंक को उद्योग का रुप दे चुका है.