पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए बुधवार को सयुंक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि अजीत कुमार ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आतंकवादी समूह तैयार किये, लेकिन अब यह आतंकवाद के भस्मासुर अपने जन्मदाता को ही खा रहे हैं.
मानवाधिकार परिषद के 34वें सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय प्रतिनिधि अजीत कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देकर, हिंसा उकसाकर एवं उसका महिमामंडन करके हालात को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. आतंकवाद को 'मानवाधिकार का घोर हनन' करार देते हुए कुमार ने कहा कि सभी सदस्य एक देश की विडंबना को स्वीकार करेंगे जिसने 'मानवाधिकारों की आड़ में रहकर आतंकवाद का वैश्विक केंद्र' होने की प्रतिष्ठा हासिल की है.
Pak created terrorist outfits against India.The monster is now devouring its creator-Ajit Kumar,India Amb&Permanent Representative,UN #hrc34 pic.twitter.com/hEfz6btZx5
— ANI (@ANI_news) March 1, 2017
भारत का अभिन्न अंग कश्मीर
भारतीय राजदूत ने कहा कि दुनिया के सबसे वांछित आतंकवदियों ने पाकिस्तान में 'सहायता और सहारा' पा लिया है . उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में अशांति की बुनियादी वजह वह सीमापार आतंकवाद है जिसे पाकिस्तान ने मदद दी है और उकसाया है. कुमार ने कहा कि पाकिस्तान कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर में हालात को अस्थिर करने के लिए गहन अभियान चलाता आ रहा है, उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और वहां के हालात देश का आंतरिक मामला हैं. देश के बाहर जो पाकिस्तान है उसको तो हमारी बहादुर फौज निबट लेगी मगर देश के अंदर जो पाकिस्तान पनप रहा है उसको हम लोग कैसे निपटेंगे.
सरकार ने किया पैकेज का ऐलान
भारतीय राजदूत अजीत कुमार ने कहा कि भारत इसका उल्लेख करना चाहेगा कि पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का हवाला दिया जाना 'पूरी तरह से गुमराह करने वाला है क्योंकि पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर सूबे के हिस्सों को खाली करना जरूरी था क्योंकि इस पर उसका अवैध और जबरन कब्जा था. कुमार ने कहा कि ठोस और परिपक्व भारतीय लोकतंत्र ने एक बार साबित किया है कि किसी भी आंतरिक परेशानी का निवारण करने के लिए उसके पास मजबूत एवं उचित व्यवस्थाएं हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अरब डॉलर के पैकेज का ऐलान किया है जिस पर तेजी से काम हो रहा है. कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो गए हैं और 99 फीसदी छात्रों ने स्कूली परीक्षाओं में हिस्सा लिया है, स्कूल फिर से खुल गए हैं. भारतीय राजदूत ने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में बहुत अधिक विविधता है और भारत न्यायप्रिय एवं समतामूलक समाज के विचार को लेकर प्रतिबद्ध है.