भारत ने बुधवार को श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री के उस बयान पर नाराजगी जाहिर की, जिसमें उन्होंने श्रीलंका की समुद्री सीमा में भारतीय मछुआरों को मछली मारने की अनुमति दिए जाने के दिल्ली के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था.
भारत ने श्रीलंका के मंत्री को सख्त जवाब देते हुए कहा कि भारत सरकार मछुआरों के विवादित मुद्दे पर आपसी सहमति के आधार पर समाधान निकालने के प्रति कोलंबो के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है और श्रीलंकाई मंत्री का बयान इसमें 'मदद करने वाला नहीं है'. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, 'हम भारत की समुद्री सीमा में मछली मारने वाले श्रीलंकाई मछुआरों को लेकर भी चिंतित हैं. श्रीलंका के मछुआरे अक्सर हमारी समुद्री सीमा में घुस आते हैं. हालांकि हम इसे जीवनयापन से जुड़ी एक जटिल मुद्दे के तौर पर देखते हैं, जिसके मानवीय पक्ष भी हैं.'
उन्होंने कहा कि 'सरकार भारतीय मछुआरों के कल्याण एवं उनकी सुरक्षा को सर्वाधिक महत्व देती है. हम श्रीलंका की सरकार के साथ मिलकर इस पर आपसी सहमति के जरिए समाधान निकालने के प्रति कटिबद्ध हैं. ऐसे में इस तरह के बयान किसी तरह से मददगार नहीं हैं.' अमरावीरा ने मंगलवार को कहा था कि श्रीलंका ने भारत के उस प्रस्ताव के अस्वीकार कर दिया है, जिसमें भारतीय मछुआरों को एक वर्ष में 65 दिन के लिए श्रीलंका की सीमा में मछली मारने की अनुमति देने का प्रस्ताव था. अमरावीरा ने गाले में कहा था, '65 दिन नहीं, बल्कि हम 65 घंटों की भी अनुमति नहीं देंगे.'
- इनपुट IANS