चीन में नोवल कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए भारत ने वहां मेडिकल सामग्रियों की एक खेप भेजने का फैसला किया है. चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने रविवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी. चीन में भारतीय दूतावास के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किए गए वीडियो में राजदूत ने इस संक्रमण से लड़ने के खिलाफ चीनी लोगों और सरकार के प्रति एकजुटता दिखाई.
उन्होंने वीडियो में कहा, संक्रमण से निपटने के लिए उठाए गए ठोस कदम को लेकर भारत तत्काल मदद के लिए मेडिकल सामग्रियों की एक खेप भेजेगा और मुश्किल घड़ी से निकलने में चीन की मदद करेगा. मिस्री ने यह भी कहा, भारत संकट की इस घड़ी में चीन के लोगों का समर्थन करने के लिए अपने सामर्थ्य के हिसाब से मदद करेगा.
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विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि
राजदूत ने ट्वीट कर कहा, वुहान शहर और हुबई प्रांत के लोग इस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. भारतीय लोगों के दिलों में उनके लिए विशेष हमदर्दी है. बहादुरी और प्रभावी तरीकों से हम संकट की इस घड़ी से निकलने में कामयाब होंगे.
भारत में इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए विक्रम मिस्री ने कहा, मौजूदा समय में भारत भी इस संक्रमण के फैलने के खतरे से जूझ रहा है. हमारा देश हमारे लोगों की स्वास्थ्य व सलामती के लिए काफी कड़ी मेहनत कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने भी मिस्री के ट्वीट को रिट्वीट कर इस खबर की पुष्टि की.
175 नागरिकों को निकाला नेपाल
वहीं, नेपाल ने रविवार को चीन के शहर वुहान से अपने 175 नागरिकों को निकाल लिया. चीन के वुहान में घातक कोरोना वायरस (COVID-19) का प्रकोप है. इन नागरिकों में ज्यादातर छात्र हैं. समाचार एजेंसी एफे से नेपाल एयरलाइंस के निदेशक कैप्टन दीपू जवरचन ने कहा कि एयरबस ए330 विमान 134 पुरुषों व 41 महिलाओं के साथ काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयपोर्ट पर दोपहर बाद उतरा. इसमें से 170 छात्र हैं. सभी निकाले गए लोगों को अलग जगह पर रखा जाएगा और कम से कम दो हफ्तों तक इनमें कोरोना वायरस के लक्षणों की निगरानी की जाएगी.
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जवरचन के अनुसार, विमान ने 2 कैप्टन, 8 फ्लाइट अटेंनडेंट, 4 मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, 1 इंजीनियर व दूसरे तकनीकी कर्मियों ने साथ शनिवार दोपहर बाद चीन के लिए उड़ान भरा था. उन्होंने कहा कि 48 घंटे तक खड़े रहे विमान के केबिन की गहन सफाई होगी और वह कीटाणुशोधन की प्रक्रिया से गुजरेगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता सागर दहाल ने एफे से कहा कि कॉकपिट क्रू को एक हफ्ते ऑइसोलेशन में रहने के बाद ड्यूटी पर लौटने की इजाजत दी जाएगी, बशर्ते उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई दें.