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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य एशिया के साथ व्यापक सहयोग पर दिया जोर

भारत और मध्य एशिया को जमीनी, डिजिटल और हवाई संपर्कों के माध्यम से एक बार फिर से जुड़ना चाहिए.

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ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमामली रहमान के साथ पीएम मोदी
ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमामली रहमान के साथ पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और मध्य एशिया को जमीनी, डिजिटल और हवाई संपर्कों के माध्यम से एक बार फिर से जुड़ना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में सोमवार को कहा- 'आज मैंने मध्य एशिया के अपने दौरे को पूरा कर लिया है. मैं यह सोचकर भारत वापस लौट रहा हूं कि भारत और मध्य एशिया को एक बार फिर से जुड़ना चाहिए. हम अपने देशों और क्षेत्रों के लिए जो भविष्य चाहते हैं, उसके लिए यह महत्वपूर्ण है.'

कृषि क्षेत्र में सहयोग पर जोर
उन्होंने कहा- 'हम अपने जमीनी संपर्क में सुधार करेंगे और इसके साथ ही डिजिटल और हवाई संपर्को में भी सुधार किया जाएगा. हम ईरान और अन्य मध्य एशियाई देशों के जरिए आप तक पहुंच बनाएंगे.' मोदी ने कृषि क्षेत्र में भी ताजिकिस्तान को सहयोग देने का आश्वासन दिया. दुशान्बे में कृषि सहयोग पर आयोजित कार्यशाला में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय कृषि और समाधान अन्य उन्नत देशों की तुलना में ताजिकिस्तान के लिए अधिक तर्कसंगत है.

अवसरों को साझा करने में खुशी
उन्होंने राष्ट्रपति इमामली रहमान के साथ एक आयोजन में कहा- "अपने मित्र देशों के साथ अवसरों को साझा करने से अधिक खुशी कहीं नहीं मिलती. हम आपके वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के लिए अपने संस्थानों के दरवाजे खोलकर खुश होंगे." पीएम मोदी ने कहा कि भारत खाद्यान्न उत्पादन में सक्षम है और यह कृषि उत्पादों और जानवरों से प्राप्त उत्पादों का एक प्रमुख निर्यातक है. प्रत्येक संभावित जलवायु स्थिति में कृषि, डेयरी और पशुधन में अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए भारत के पास विश्वस्तरीय संस्थान हैं.

कई सुझावों के बारे में भी बात की
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में अभी भी भारत के समक्ष चुनौतियां हैं, लेकिन अधिक कृषि उपज और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए कई नए प्रयास किए गए हैं. उन्होंने उन कई सुझावों के बारे में भी बात की जिनके जरिए भारत कृषि में ताजिकिस्तान की मदद कर सकता है. प्रधानमंत्री ने यह भी प्रस्तावित किया कि भारत कपास और गेहूं के संकर विकसित करने में सहयोग कर सकता है. ठेका कृषि और डेयरी उद्योग के विकास में अपने अनुभवों को साझा कर सकता है. साथ हीं भारत जल संरक्षण और सिंचाई में ताजिकिस्तिान की मदद कर सकता है.

टैगोर की प्रतिमा का अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुशान्बे में नोबल पुरस्कार विजेता विश्व प्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार रबिंद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा का भी अनावरण किया.

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