दो शीर्ष सीनेटरों ने ट्रंप प्रशासन से भारत को एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है ताकि सुरक्षा खतरों से निपटने और प्रशांत महाद्वीप में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति को संतुलित करने के लिए भारत अपनी क्षमताओं को बढ़ा सकें.
वर्जीनिया से सीनेटर मार्क वार्नर और टेक्सास से जॉन कोर्नीन ने अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस और विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को लिखे एक संयुक्त पत्र में कहा कि ट्रंप प्रशासन को भारत के साथ शुरुआती द्विपक्षीय बातचीत में लड़ाकू विमानों की बिक्री को प्राथमिकता देनी चाहिए. भारत ने अपने लड़ाकू विमान के बेड़े का विस्तार करने का प्रयास शुरू किया है और इसमें लॉकहीड़ का एफ-16 और साब का ग्रिपेन भी दौड़ में है. वार्नर और कोर्नीन ने पत्र में लिखा है कि भारत का निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल पर निर्भर करेगा. जिसमें कुछ स्तर तक स्थानीय उत्पादन क्षमता पैदा करने की जररत होगी.
भारत को एफ-16 की बिक्री को अहम बताते हुये दोनों सीनेटरों ने कहा कि यह अमेरिका के लिए ऐतिहासिक जीत होगी, जिससे अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक रक्षा संबंध और भी गहरे होंगे. उन्होंने कहा, इससे उत्तर की ओर से पैदा हो रहे खतरों से निपटने की भारत की क्षमता विकसित होगी और प्रशांत महाद्वीप में चीन की बढ़ती सैन्य क्षमता भी संतुलित होगी.