अमेरिका की सिलिकॉन वैली भारतीयों की मंजिल रही है. सिलिकॉन वैली वही जगह है, जहां दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों के हेडक्वार्टर हैं. इनमें से कई कंपनियों की कमान भारतवंशियों के हाथ में है. ऐसी ही एक टेक कंपनी है IBM, जिसके CEO भी भारतवंशी हैं.
आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा हैं. अब उनकी सैलरी सामने आ गई है. कंपनी की ओर से की गई फाइलिंग के मुताबिक, 2023 में अरविंद कृष्णा को 20.39 मिलियन डॉलर (करीब 170 करोड़ रुपये) मिले. ये 2022 की तुलना में 23 फीसदी ज्यादा है.
अरविंद कृष्णा की बेसिक सैलरी 1.5 मिलियन डॉलर है. इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. हालांकि, उनके पास जो स्टॉक हैं, उसकी कुल वैल्यू 11.48 मिलिन डॉलर डॉलर है. बाकी उन्हें ट्रैवल और सिक्योरिटी के लिए कंपन्सेशन दिया गया. इस तरह उन्हें कुल 20.39 मिलियन डॉलर का कंपन्सेशन मिला.
अरविंद कृष्णा के कुल कंपन्सेशन में भले ही इजाफा हुआ हो, लेकिन ये अब भी अल्फाबेट के भारतवंशी सीईओ सुंदर पिचाई की तुलना में काफी कम है. सुंदर पिचाई को 2022 में कुल 226 मिलियन डॉलर का कंपन्सेशन मिला था. पिचाई की बेसिक सैलरी 2 मिलियन डॉलर ही है.
कृष्णा का कुल कंपन्सेशन ऐसे वक्त बढ़ा, जब कंपनी का रेवेन्यू टारगेट से थोड़ा कम रहा. कंपनी ने 2023 में 62.3 अरब डॉलर का रेवेन्यू टारगेट रखा था. जबकि, उसका कुल रेवेन्यू 61.9 अरब डॉलर रहा.
सबसे ज्यादा कंपन्सेशन पाने वाले अधिकारी
इतना ही नहीं, आईबीएम में कृष्णा सबसे ज्यादा कंपन्सेशन पाने वाले अधिकारी हैं. उनके अलावा कंपनी के सीएफओ जेम्स कवानो को 11.68 मिलियन डॉलर और चीफ कमर्शियल ऑफिसर आरडी थॉमस को 10.3 मिलियन डॉलर, जबकि वाइस चेयरमैन गैरी कोहन को 9.53 मिलियन डॉलर का कंपन्सेशन दिया गया.
कौन हैं अरविंद कृष्णा?
अरविंद कृष्णा का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था. उनके पिता भारतीय सेना में मेजर जनरल रहे हैं. आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद वो अमेरिका आ गए. यहां उन्होंने इलिनोइस यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. 1990 में कृष्णा आईबीएम से जुड़े. 2015 में उन्हें प्रमोट कर आईबीएम रिसर्च का सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया. जनवरी 2020 में उन्हें आईबीएम का सीईओ नियुक्त किया गया. अरविंद कृष्णा के नाम दर्जनों पेटेंट भी हैं.