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नासा के अंतरिक्ष में चमका भारतीयता का सितारा, चर्चा में आई स्वाति मोहन की ‘बिंदी’

नासा के मार्स पर्सिवरेंस रोवर मिशन ने जब मंगल पर लैंड किया तो दुनिया को इसकी सूचना स्वाति ने ही दी. उनकी इस उपलब्धि के साथ-साथ ट्विटर पर उनकी बिंदी के बहाने भारतीयता भी खूब चर्चा बटोर रही है.

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भारतीय मूल की अमेरिकी साइंटिस्ट स्वाति मोहन
भारतीय मूल की अमेरिकी साइंटिस्ट स्वाति मोहन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्वाति मोहन भारतीय मूल की अमेरिकी साइंटिस्ट हैं
  • नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) में काम करती हैं

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर सफलता पूर्वक पर्सिवरेंस रोवर मिशन की लैंडिंग कराई. इस दौरान भारत में सबसे ज्यादा चर्चा स्वाति मोहन की हो रही है. स्वाति मोहन भारतीय मूल की अमेरिकी साइंटिस्ट हैं. वे कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) में काम करती हैं. स्वाति मार्स पर्सिवरेंस रोवर मिशन की गाइडेंस एंड कंट्रोल्स ऑपरेशंस को लीड कर रही हैं.

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नासा के मार्स पर्सिवरेंस रोवर मिशन ने जब मंगल पर लैंड किया तो दुनिया को इसकी सूचना स्वाति ने ही दी. उनकी इस उपलब्धि के साथ-साथ ट्विटर पर उनकी बिंदी के बहाने भारतीयता भी खूब चर्चा बटोर रही है.

दरअसल, नासा ने लैंडिंग के बारे में एक वीडियो जारी किया जिसमें स्वाति के माथे पर एक छोटी बिंदी दिख रही है. भारतीय यूजर्स ने इसे नोटिस किया और ट्विटर पर इसकी चर्चा शुरू हो गई. 

एक यूजर ने लिखा, “स्वाति मोहन के लिए खूब प्यार, कंट्रोल रूम में उनकी बिंदी कमाल कर रही है.”  

एक अन्य यूजर ने लिखा, डॉ स्वाति मोहन @ #NASA कंट्रोल रूम में आज बिंदी में कमाल कर रही हैं. स्वाति मोहन, नासा पर्सिवरेंस और मार्स लैंडिंग के लिए शुभकामनाएं.

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एक यूजर्स ने ‘लेडी विद द बिंदी’ जैसे संबोधन के साथ लिखा, “लैंडिग की पुष्टि हुई. इसकी घोषणा डॉ स्वाति मोहन ने की जो नासा के आपरेशन को लीड कर रही हैं. वे कोई अंतरिक्ष में छुपी हुई हस्ती नहीं हैं. ‘लेडी विद द बिंदी’ डॉ स्वाति मंगल पर पहुंच कर दुनिया भर की महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं.”

इसी तरह टि्वटर पर कई यूजर्स स्वाति की बिंदी की चर्चा करते दिखे. कुछ ने इसे भारतीय पहचान से जोड़ा तो कुछ ने इसके लिए नासा की तारीफ की कि वहां पर मौजूद विविधता काबिले-तारीफ है.

 

"प्रेमी जोड़ों को 14 फरवरी, लीजेंड्स को 18 फरवरी का इंतजार”

इस रोवर ने 7 म​हीने पहले धरती से टेक ऑफ किया था और 18 फरवरी को मंगल पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया. रोवर के मंगल की तरफ रवाना होने के बाद से ही स्वाति और उनकी टीम हर पल इस मंगल मिशन पर नजर रख रही थी.  

यहां तक कि जब दुनिया वैलेंटाइन वीक मना रही थी तब वैज्ञानिक स्वाति मोहन मंगल ग्रह पर पर्सिवरेंस रोवर मिशन की लैंडिंग के दिन गिन रही थीं. 10 फरवरी को उन्होंने एक मीम शेयर करते हुए लिखा, “मेरे हसबैंड की तरफ से मेरे लिए वैलेंटाइन डे कार्ड”. इस कार्ड पर ऊपर एक लड़के लड़की की तस्वीर के साथ लिखा है, “प्रेमी जोड़ों को 14 फरवरी का इंतजार है.” नीचे की तरफ रोवर की तस्वीर के साथ लिखा है, “लीजेंड्स को 18 फरवरी का इंतजार है”.  

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स्वाति मोहन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए हमने उनकी ट्विटर वॉल खंगाली. महीनों पहले से स्वाति और उनकी टीम इस मिशन की जानकारियां साझा कर रही थी.

क्या कहता है स्वाति का ट्विटर

30 जुलाई, 2020 को स्वाति मोहन ने ​ट्वीट किया, “और इस तरह शुरुआत हो गई. उड़ान खूबसूरत आगाज. हम अपने रास्ते में हैं.” वे लगातार नासा और इससे जुड़ी गतिविधियों को ट्वीट के रीट्वीट करके जानकारी दे रही थीं. 6 अगस्त, 2020 को उन्होंने लिखा, 'अब @NASAPersevere के सिर्फ 197 दिन और बाकी हैं.  

इसके बाद से वे #countdowntomars हैशटैग के साथ लगातार ट्वीट कर रही थीं और बता रही थीं कि रोवर को मंगल पर पहुंचने में कितने दिन बाकी हैं. उन्होंने 28 अगस्त 2020 को ट्वीट किया, “नासा पर्सिवरेंस को लॉन्च हुए आज 4 हफ्ते हो चुके हैं. मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि ये सब हो चुका है! #countdowntomars”.  

2 अक्टूबर को स्वाति ने ट्विटर पर लिखा,  “ये अक्टूबर आ चुका है. हम मंगल के एक तिहाई रास्ते में हैं. इस महीने में 1 से 5 हफ्ते के बीच का समय कठिन है! फिंगर क्रॉस्ड कि सब ठीक चल रहा है!”

स्वाति ने 28 अक्टूबर 2020 को नासा पर्सिवरेंस मार्स रोवर की ट्विटर पोस्ट को साझा करते हुए चियर किया, “ओ हो! आधा रास्ता पार!”  

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नासा की पोस्ट शेयर करते हुए 11 नवंबर 2020 को उन्होंने लिखा, “मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि लैंडिंग के बाद दिनों की संख्या अब दो अंकों में बची है”.  

कौन हैं स्वाति मोहन

स्वाति भारतीय मूल की अमेरिकी साइंटिस्ट हैं. वे कैलिफोर्निया स्थित नासा (NASA) की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) में काम करती हैं. नासा की वेबसाइट पर उनके परिचय में लिखा है, “मार्स 2020 गाइडेंस एंड कंट्रोल्स ऑपरेशंस लीड” (Mars 2020 Guidance & Controls Operations Lead).

वेबसाइट के मुताबिक, स्वाति मोहन जब एक साल की थीं तब उनके माता-पिता भारत से अमेरिका चले गए थे. स्वाति वॉशिगंटन डीसी के नॉर्दन वर्जिनिया इलाके में पली बढ़ीं. उन्होंने मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से बीएस और एरोनॉटिक्स/एस्ट्रोनॉटिक्स में एमआईटी से पीएचडी की. वे नासा के कई मिशन का हिस्सा रह चुकी हैं. मंगल मिशन 2020 के साथ वे 2013 में इसकी शुरुआत से ही जुड़ी थीं.  

स्वाति मोहन का कहना है कि 16 साल की उम्र तक उनका साइंटिस्ट बनने का कोई इरादा नहीं था, बल्कि वे बच्चों की डॉक्टर बनना चाहती थीं. लेकिन जब पहली बार उन्होंने फिजिक्स की क्लास अटैंड की तो उनकी मुलाकात एक ​बेहतरीन टीचर से हुई. उनकी वजह से स्वाति ​की दिलचस्पी अंतरिक्ष में हुई और उन्होंने इंजीनियरिंग की तरफ ​रुख किया.  

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वो घड़ी जिसका इंतजार था

उन्होंने 19 दिसंबर 2020 को अपनी तस्वीर के साथ ट्वीट किया, “दो महीने और बचे हैं”. स्वाति और उनकी टीम के साथ नासा के पर्सिवरेंस मार्स रोवर NASA's Perseverance Mars Rover नाम से बना ट्विटर अकाउंट भी लगातार अपने बारे में जानकारियां साझा कर रहा था. स्वाति ने 20 जनवरी को मार्स रोवर की पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “आह! 30 दिन और”.  

इसके बाद जैसे जैसे दिन नजदीक आ रहे थे, स्वाति हर दिन #CountdownToMars हैशटैग के साथ एक-एक दिन गिन रही थीं. फरवरी महीने में उन्होंने हर दिन इस हैशटैग के साथ ​ट्वीट किया है.  

स्वाति की ट्विटर वॉल पर सबसे आखिरी ​ट्वीट NASA's Perseverance Mars Rover के हैंडल @NASAPersevere से है जिसमें लिखा है, वह घड़ी जिसके लिए मेरी टीम ने वर्षों तक सपना देखा, अब एक हकीकत है. महान उप​लब्धियों के लिए साहस करें.' स्वाति ने अपनी टीम के साथ ये महान उपलब्धि हासिल कर ली है.

रिपोर्टः कृष्णकांत

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