अमेरिकी सरकार जल्द ही H-1B वीजा के लाभार्थियों के लिए लॉटरी का पहला राउंड शुरू करने जा रही है. अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) H-1B वीजा के लिए पहले जमा किए गए इलेक्ट्रॉनिक आवेदनों में से लॉटरी के माध्यम से आवेदकों को चुना जाएगा.
H-1B वीजा के रजिस्ट्रेशन हाल ही में बंद हुए हैं. वित्त वर्ष 2025 के लिए H-1B वीजा के शुरुआती रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 22 मार्च थी. हालांकि बाद में इसे बढ़ाकर 25 मार्च कर दिया गया था.
USCIS ने घोषणा की है कि जल्द ही लॉटरी की तारीख का ऐलान किया जाएगा. चूंकि H-1B वीजा की मांग सबसे ज्यादा है, इसलिए अमेरिकी एजेंसी लॉटरी सिस्टम का इस्तेमाल करती है.
अमेरिका हर साल 85 हजार लोगों को H-1B वीजा जारी करता है. इसमें से 20 हजार वीजा उन लोगों को दिया जाता है, जो अमेरिका की किसी यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करते हैं. बाकी के 65 हजार वीजा लॉटरी सिस्टम के जरिए दिए जाते हैं.
USCIS के मुताबिक, रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बाद जिनका सिलेक्शन होगा, उन्हें 31 मार्च तक myUSCIS ऑनलाइन अकाउंट पर इसकी जानकारी दी जाएगी. इसके बाद 1 अप्रैल से H-B कैप पिटीशन के लिए ऑनलाइन फॉर्म जमा किए जाएंगे. जबकि, H-1B नॉन-कैप की पिटीशन की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी.
USCIS ने बताया कि गैर-अप्रवासी वर्कर के लिए एप्लीकेशन फॉर्म I-129 और प्रीमियम सेवा के लिए एप्लीकेशन फॉर्म I-907 ऑनलाइन अवेलेबल है.
1 अप्रैल से वित्त वर्ष 2025 के लिए वीजा एप्लीकेशन ली जाएगी. सालों बाद अमेरिकी सरकार ने वीजा फीस में बढ़ोतरी भी कर दी है. वीजा फीस को 10 डॉलर से बढ़ाकर 110 डॉलर कर दिया गया है. वहीं, H-1B वीजा के लिए भी रजिस्ट्रेशन फीस 10 डॉलर से बढ़ाकर 215 डॉलर हो गई है.
H-1B वीजा गैर-अप्रवासी वीजा है. ये अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कामगारों को नियुक्त करने की मंजूरी देता है. जब भी कोई व्यक्ति अमेरिकी कंपनी में नौकरी करता है तो उसे H-1B वीजा जारी किया जाता है. शुरुआत में ये 3 साल के लिए वैलिड होता है, जिसे बढ़ाकर 6 साल तक किया जा सकता है.
H-1B वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी भारतीय हैं. आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका हर साल जितने लोगों को H-1B वीजा जारी करता है, उसमें से 70 फीसदी से ज्यादा भारतीयों को मिलता है.