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पर्रिकर ने उठाया मसूद अजहर का मामला, कहा- आतंकवाद के खिलाफ रुख अपनाए चीन

अपनी चीन यात्रा पर गए भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कई मुद्दों पर चीनी नेताओं और शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात भारत का रुख स्पष्ट किया. पर्रिकर ने सोमवार को मसूद अजहर से लेकर उस आर्थिक गलियारे पर भी बात की, जिसे पाकिस्तान और चीन मिलकर विकसित कर रहे हैं.

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चीन यात्रा पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर
चीन यात्रा पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर

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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के प्रयास को चीन द्वारा बाधित करने को लेकर भारत की आपत्तियां चीन के नेताओं के सामने दृढ़ता से रखीं. पर्रिकर ने साथ ही इस मुद्दे पर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीन की परियोजनाओं पर स्पष्टीकरण भी मांगा.

बेहतर संबंधों के लिए भारत प्रतिबद्ध
पर्रिकर ने चीन के रक्षा मंत्री चांग वानकुआन से एक मुलाकात के दौरान कहा, ‘भारत चीन के साथ संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और वह चीन के साथ मैत्री और सहयोग संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.’

पर्रिकर ने भारतीय मीडिया से कहा, ‘हमने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में जो कुछ हुआ, वह सही दिशा में नहीं है और उन्हें आतंकवाद पर एक समान रुख अपनाना होगा, जो भारत और चीन के हित में है.’

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पर्रिकर ने कहा कि चीन के अधिकारियों ने इसके जवाब में भारत की चिंताओं पर ध्यान दिया. पिछले महीने चीन ने मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति द्वारा आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयास पर यह कहते हुए वीटो लगा दिया था कि यह मामला सुरक्षा परिषद की ‘अपेक्षाओं को पूरा नहीं करता.’

पठानकोट हमले के पीछे मसूद अजहर
भारत का मानना है कि अजहर देश में हुए कई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है. इसमें इस साल के शुरू में पठानकोट एयरबेस पर हुआ आतंकवादी हमला भी शामिल है. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीन की गतिविधियों के संबंध में भारत की आपत्तियों पर अपना रुख स्पष्ट किया.’ जहां पाकिस्तान और चीन 46 अरब डॉलर की लागत से दोनों देशों को जोड़ने वाला एक आर्थिक गलियारे का निर्माण कर रहे हैं.

तत्काल प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं
चीन के अधिकारियों ने इसके जवाब में समझाया कि यह एक आर्थिक परियोजना है, जिसका उद्देश्य भारत के खिलाफ नहीं है. पर्रिकर ने कहा, ‘मूल रूप से हमारी चिंताओं पर उन्होंने ध्यान दिया और मैं उनसे काम करने की उम्मीद करता हूं.’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच और संपर्क से भविष्य में ऐसे मुद्दों का समाधान होगा, जबकि तत्काल प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की जा सकती.

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पर्रिकर ने बाद में चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल फान चांगलांग से मुलाकात की, जो कि सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के उपाध्यक्ष हैं. सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रमुख चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग हैं.

चीन के पीएम से करेंगे मुलाकात
रक्षा मंत्री पर्रिकर चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से भी मुलाकात करेंगे और बाद में चेंगदू का दौरा करेंगे, जो हाल में एकीकृत पश्चिमी सैन्य कमान का मुख्यालय है. इसके ही अधिकार क्षेत्र में भारत से लगने वाली पूरी सीमा आती है.

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